द बेस्टी एजुकेशन ट्रस्ट दोहा कतर के तत्वावधान में फागुन से जुड़े विविध विषयों पर आयोजित काव्यपाठ 12 घंटे तक अनवरत चला। इस कार्यक्रम में देश-विदेश से सत्तर से अधिक लेखकों एवं कवियों ने भाग लिया और अपनी अलग-अलग भूमिकाओं का निर्वहन किया। उद्घाटन सत्र सहित कुल 11 सत्रों बंटे इस कार्यक्रम की शुरुआत सुबह सवा ग्यारह बजे हुई। यह सत्र उद्घाटन सत्र था, इस सत्र की अध्यक्षता जबलपुर के वरिष्ठ साहित्यकार आचार्य संजीव वर्मा सलिल जी ने की। बीज वक्तव्य डॉ सुरेंद्र डी. सोनी एसोसिएट प्रोफेसर (इतिहास) राजकीय लोहिया महाविद्यालय चूरू ने रखा। सत्र के विशिष्ट अतिथि जाने-माने, पत्रकार लेखक डॉ सुधेन्दु ओझा थे, सत्र के विशिष्ट अतिथि जाने-माने गजल सिंगर व कम्पोजर डॉ अनिल शर्मा थे, जिनकी अद्भुत प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया।
कार्यक्रम के आयोजक व संयोजक आशा पांडेय ओझा व डॉ बैजनाथ शर्मा मिंटू ने सभी अतिथियों का स्वागत किया व कार्यक्रम की रूप रेखा सभी के सन्मुख रखी, सत्र का संचालन स्मिता श्रीवास्तव ने किया। समारोह का द्वितीय सत्र 12:15 बजे शुरू होकर 1:15 बजे तक चला, जिसमें किरण बाला किरण उदयपुर, छगन लाल मुथा मुंबई, प्रमिला कौशिक दिल्ली, प्राची राज गोरखपुर ने काव्य पाठ किया। सत्र की समीक्षा वरिष्ठ लेखिका आभा मेहता अमदाबाद ने की और संचालन प्रियंका भट्ट उदयपुर ने किया।
समारोह के तृतीय सत्र की शुरुआत 1:15 बजे हुई। इस सत्र में ज्योत्स्ना सक्सेना, जयपुर प्रीति शर्मा, स्मिता श्रीवास्तव नोएडा, योगेश समदर्शी गाजियाबाद ने काव्य पाठ किया। सत्र की समीक्षा वरिष्ठ साहित्यकार महेंद्र भट्ट ने की व सत्र का संचालन चंद्रकला भागीरथी ने किया। इस सत्र का समापन सवा दो बजे हुआ। समारोह के चतुर्थ सत्र की शुरुआत सवा दो बजे हुई जिसमें, भावना विशाल, डॉ दिलीप बच्छानी पाली, शिव हरि शर्मा पाली, जेपी दिवेदी गाजियाबाद ने काव्य पाठ किया सत्र का संचालन पीएन भट्ट जालोर ने किया। सत्र की समीक्षा वरिष्ठ ग़ज़लकार ऋषि धीमान अहमदाबाद ने की सत्र सवा तीन बजे समाप्त हुआ।
कार्यक्रम के पाँचवे सत्र की शुरुआत सवा तीन बजे हुई व सवा चार समापन हुआ। कार्यक्रम में श्रीमती उषा भदोरिया, अंगद सिंह धारिया, आगरा, कल्याण गुर्जर कोटपूतली जयपुर, श्रीमती सरताज सबीना परवीन जी दिल्ली ने काव्य पाठ किया। सत्र का संचालन आशा दिनकर जी ने किया व सत्र की समीक्षा श्रीमती मंजुला श्रीवास्तव गाजियाबाद ने की। कार्यक्रम के छठे सत्र की शुरुआत शाम सवा चार बजे हुई, जिसमें नीलिमा चतुर्वेदी जयपुर, अनु श्री राठौड़ उदयपुर, कुशवाहा सपना, अनीशा आयशा, सैयद आरिज़ उल्लाह हुसैनी, सैयद तासिन उल्लाह हुसैनी ने काव्यपाठ किया। सत्र का संचालन रिमझिम झा ने किया व सत्र की समीक्षा कोटा राजस्थान के वरिष्ठ साहित्यकार रामू भैया ने की।
कार्यक्रम के सातवें सत्र की शुरुआत शाम सवा पाँच पर हुई कार्यक्रम में शालिनी अग्रवाल अजमेर, डॉ स्वदेश चरोरा, कविता विकास धनबाद, केपी अनमोल रुड़की ने काव्य पाठ किया। सत्र का संचालन अंजना सिन्हा सखी रायगढ़ ने किया, सत्र की समीक्षा जाने-माने वरिष्ठ नव गीतकार जगदीश जे पंकज ने की, सत्र का समापन सवा छः बजे हुआ। आठवें सत्र की शुरुआत सांय सवा छः बजे हुई, जिसमे खुशबू जैन, श्याम सुंदर सिखवाल व वरिष्ठ साहित्यकार आचार्य रूप चंद्र शास्त्री मयंक ने काव्य पाठ किया। आनंद अमित प्रजापति ने सत्र का संचालन किया, वरिष्ठ साहित्यकार योगेश समदर्शी गाज़ियाबाद ने सत्र की समीक्षा की, सवा सात बजे इस सत्र का समापन हुआ।
कार्यक्रम के नवें सत्र की शुरुआत सांय सवा सात बजे हुई लोक गीतों पर आधारित यह सत्र सभी के मन बहुत भाया, राज बहादुर राणा सुल्तानपुर उत्तरप्रदेश, रविन्द्र कुमार शर्मा जौनपुर उत्तर प्रदेश, गीत कार प्रमोद कुमार प्रेमी जौनपुर उत्तर प्रदेश, गीत कुमार कल्लूराम स्नेही जौनपुर उत्तर प्रदेश व विनय कुमार शर्मा मुंबई सभी गायकों ने बहुत ही मन मोहक प्रस्तुतियां दी। लोकगीतों की मिठास ने मस्ती और आह्लाद का वातावरण बना दिया, पूरा माहौल आनंदमय व संगीत मय स्वरमय हो गया। कार्यक्रम का संचालन कवि विनय शर्मा दीप,अध्य्क्ष मुंबई शाखा ने किया, कार्यक्रम की समीक्षा दोहा कतर से जुड़े आनंद शेखर उपाध्याय ने की। कार्यक्रम के दसवें सत्र की शुरुआत रात सवा आठ बजे हुई अनिल शर्मा चिंतक चंडीगढ़, केशव मोहन पांडेय दिल्ली, आरसी यादव दिल्ली तथा जाने-माने ग़ज़लकार-चित्रकार विज्ञान व्रत ने काव्य पाठ किया, सत्र का संचालन तरुणा पुंडीर दिल्ली ने किया वह सत्र की समीक्षा जाने-माने ग़ज़लकार अनिल मीत दिल्ली ने की।
कार्यक्रम के ग्यारवें व अंतिम सत्र की शुरुआत रात सवा नौ बजे हुई इस इस सत्र में आदित्य अजनबी डबरा, राजीव पांडे गाजियाबाद, मंजुलता राजवैद्य, रंजना लता बिहार, अनिल मीत दिल्ली, ऋषि धीमान अहमदाबाद, डॉ सुरेंद्र डी सोनी चूरु ने काव्य पाठ किया सत्र का संचालन विनोद मिश्रा सुरमणी दतिया ने किया कार्यक्रम की अध्यक्षता मंगलायतन विश्वविद्यालय अलीगढ़ के कुलपति प्रोफेसर पी. प्रोफेसर पीके दशोरा ने की, उन्होंने बारह घण्टे अनवरत चले इस कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रसंशा की, उन्होंने दिन भर हुवे सभी, सत्रों की समीक्षा की व सभी कवियों, संचालकों, समीक्षकों को बेहतरीन, सधे हुवे सुचारू कार्यक्रम की बधाई दी, दशोरा जी ने अपनी रचना का पाठ किया, आयोजकों को बहुत बधाई देते हुवे कहा ऐसे कार्यक्रम अधिक से अधिक होते रहने चाहिए, ताकि साहित्य को बाज़ार बनने से रोका जा सके, साहित्य की सार्थकता को सहेजा जा सके। अंत में कार्यक्रम आयोजक, संयोजक आशा पांडेय ओझा व बैजनाथ शर्मा मिंटू ने कार्यक्रम के सभी सत्रों से जुड़े कवियों समीक्षकों, संचालकों का आभार व्यक्त किया, कार्यकम सफल बनाने में सभी की भूमिका को इंगित करते हुवे सभी का आभार व्यक्त किया। यह सत्र दो घण्टे चला, इस सत्र का समापन रात सवा ग्यारह बजे हुआ।