साहित्य अकादमी ने 20 भाषाओं में अपने वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कार की घोषणा कर दी है। घोषणा के तहत सात कविता संग्रह, चार उपन्यास, पाँच कहानी संग्रह, दो नाटक तथा एक-एक संस्मरण और महाकाव्य के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार घोषित किए गए है।
पुरस्कारों की अनुशंसा 20 भारतीय भाषाओं की निर्णायक समितियों द्वारा की गई तथा साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर कंबार की अध्यक्षता में आयोजित अकादमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में इन्हें अनुमोदित किया गया।
सात कविता संग्रहों के लिए सुश्री अरुंधति सुब्रमण्यम (अंग्रेजी), हरीश मीनाश्रु (गुजराती), सुश्री अनामिका (हिंदी), आर.एस. भास्कर (कोंकणी), ईरुंगबम देवेन (मणिपुरी), रूपचंद हांसदा (संताली) एवं निखिलेश्वर (तेलुगु ) को पुरस्कृत किया गया है।
इसके अलावा चार उपन्यासों के लिए नंदा खरे (मराठी), डॉ महेशचन्द्र शर्मा गौतम (संस्कृत), इमाइयम (तमिल) एवं हुसैन-उल- ह$क। पाँच कहानी संग्रहों के लिए अपूर्व कुमार शइकीया (असमिया), स्व धरणीधर औवारी (बोडो), स्व हृदय कौल भारती (कश्मीरी), कमलकान्त झा (मैथिली) एवं गुरदेव सिंह रूपाणा (पंजाबी) को पुरस्कृत किया गया है।
वहीं ज्ञान सिंह (डोगरी ) एवं जेठो लालवानी (सिंधी ) को नाटक के लिए और एम. वीरप्पा मोइली (कन्नड) एवं शंकर (मणिशंकर मुखोपाध्याय) (बाड्ला) को क्रमश: संस्मरण और महाकाव्य के लिए पुरस्कृत किया गया है।
मलयालम्, नेपाली, ओडि़आ और राजस्थानी भाषाओं में पुरस्कार बाद में घोषित किया जाएगा। इन पुस्तकों को संबंधित भाषा के त्रिसदस्यीय निर्णायक मंडल ने निर्धारित चयन प्रक्रिया का पालन करते हुए पुरस्कार के लिए चुना है।
नियमानुसार कार्यकारी मंडल ने निर्णायकों के बहुमत के आधार पर अथवा सर्वसम्मति के आधार पर चयनित पुस्तकों के लिए आज पुरस्कारों की घोषणा की है। पुरस्कार 1 जनवरी 2014 से 31 दिसम्बर 2018 के दौरान पहली बार प्रकाशित पुस्तकों पर दिया गया है। पुरस्कार विजेता को पुरस्कार स्वरूप एक उत्कीर्ण ताम्रफलक, शॉल और एक लाख रुपये की राशि आने वाली किसी तिथि में एक विशेष कार्यक्रम में प्रदान की जाएँगे।