संगमरमरी सौंदर्य के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध भेड़ाघाट में दो दिवसीय नर्मदा महोत्सव के समापन पर लोक नृत्यों और गायन का श्रोताओं और कला रसिकों ने जमकर लुत्फ उठाया। शरद पूर्णिमा के चंद्रमा की दूधिया रौशनी से नहाई भेड़ाघाट की संगमरमरी वादियों का सौंदर्य भी आज प्रकृति-प्रेमियों के लिए अद्भुत नजारा पेश कर कर रहा था। मॉं नर्मदा पूर्णाकारी चंद्रमा से संवाद करती हुई प्रतीत हो रही थीं।
नर्मदा महोत्सव के दूसरे दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का मुख्य आकर्षण प्रख्यात पार्श्व गायक पदमश्री हरिहरन का गायन था। परम्परागत रूप से नर्मदा पूजन के बाद शुरू हुए दूसरे दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आगाज संस्कृति कला केन्द्र जबलपुर की ओर से सुश्री झील सिंह एवं उनके समूह के कलाकारों द्वारा नृत्य नाटिका की प्रस्तुति से हुआ।
सुश्री झील सिंह एवं उनके समूह ने मराठी भाषा के सुप्रसिद्ध गीतों पर शानदार नृत्य भी प्रस्तुत किया, जिसे लोगों ने खूब सराहा। इसके बाद महाराष्ट्र से आये कलाकारों द्वारा महाराष्ट्र के लोक नृत्य लावणी की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अगली कड़ी में गायक पंडित मनीष शुक्ला ने संगीतमय गजल प्रस्तुत कर कला रसिकों की खूब वाहवाहियां लूटी। पंडित शुक्ला ने अपनी सुमधुर आवाज में मां को एक गजल निवेदित कर महफिल में चार चांद लगा दिये। उन्होंने जब दीप जले आना, कभी-कभी मेरे दिल में ख्याल आता है, छाप तिलक सब छीनी, लाई गयो रे मेरा सावरिया आदि गजलों का गायन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। नर्मदा महोत्सव के दूसरे और समापन दिवस की अंतिम प्रस्तुति पदमश्री हरिहरन का गायन था।
नर्मदा महोत्सव के दूसरे और समापन दिवस के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक अशोक रोहाणी ने की। विधायक डॉ. अभिलाष पांडे, संतोष वरकड़े एवं नीरज सिंह, नगर निगम जबलपुर के अध्यक्ष रिकुंज विज, सुभाष तिवारी रानू, संभागायुक्त अभय वर्मा, कलेक्टर दीपक सक्सेना, भेड़ाघाट नगर परिषद के अध्यक्ष चतुर सिंह एवं उपाध्यक्ष जगदीश दाहिया विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। इस अवसर पर रानी दुर्गावती के शौर्य, पराक्रम और उनके जन कल्याणकारी कार्यों पर आधारित स्मारिका का विमोचन किया गया। दूसरे दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के शुभारंभ के पहले लोक निर्माण मंत्री श्री राकेश सिंह एवं अन्य सभी अतिथियों ने मॉं नर्मदा की पूजा-अर्चना की।
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि नर्मदा महोत्सव देशभर में अपनी अलग पहचान बना चुका है। आज यह महोत्सव इतनी ख्याति अर्जिक कर चुका है कि देश का हर कलाकार इसमें अपनी प्रस्तुति देना चाहता है। उन्होंने कहा कि अपनी शुरूआत से लेकर अब तक नर्मदा महोत्सव का आयोजन गरिमापूर्ण रहा है और यह सांस्कृतिक उत्थान का प्रतीक बन चुका है।
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि मॉं नर्मदा के तट पर लगातार 21 वर्ष से आयोजित किये जा रहे इस महोत्सव में लोक कलाओं, शास्त्रीय और सुगम संगीत तथा भजनों को मंच प्रदान करने के उद्देश्य में हम सफल रहें है। लोगों ने इसी स्वरूप में इसे स्वीकारा और सराहा भी है। आगे भी यही प्रयास रहेंगे की इसे फिल्मी गानों का मंच न बनने दें, ताकि मॉं नर्मदा की गरिमा बनी रहे।
विधायक अशोक रोहाणी ने अपने संबोधन में कहा कि नर्मदा महोत्सव की ख्याति यहां प्रस्तुत किये जाने वाले गरिमापूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दिनो दिन बढ़ती जा रही है। उन्होंने आगे भी इन आदर्श मापदंडो को बनाये रखने की अपील करते हुए सभी को शरद पूर्णिमा की शुभकामनाएं दी। विधायक डॉ. अभिलाष पांडे ने कहा कि किसी भी कार्य की शुरूआत सरल है, लेकिन उसकी निरंतरता बनाये रखना कठिन होता है। लगातार 21 वर्ष से आयोजित किये जा रहे नर्मदा महोत्सव ने भेड़ाघाट के साथ-साथ जबलपुर को नई पहचान दी है।
नर्मदा महोत्सव के समापन दिवस की अंतिम प्रस्तुतियों में दिल को छू लेने वाली गजलों और बॉलिवुड के गीतों के लिए मशहूर श्री हरिहरन ने अपनी गायकी का जादू बिखेरा। महोत्सव के दूसरे दिन शरद पूर्णिमा पर रंगबिरंगी आतिशबाजी भी दर्शकों के बीच आकर्षण का केन्द्र रही। आज महोत्सव के पहले दिन की अपेक्षा कहीं ज्यादा कला रसिक गीत-संगीत और लोक नृत्यों का लुत्फ उठाने भेड़ाघाट पहुंचे थे।