नई दिल्ली (हि.स.)। एवस्कुलर नेक्रोसिस जैसी खतरनाक बीमारी का भी इलाज अब आयुर्वेद से संभव है। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) के डॉक्टरों ने आयुर्वेद और पंचकर्म के माध्यम से खतरनाक बीमारी एवस्कुलर नेक्रोसिस जैसी खतरनाक बीमारी का इलाज किया है।
हिमाचल प्रदेश के रहने वाले अश्वनी शर्मा पिछले दो वर्षों से एवस्कुलर नेक्रोसिस से जूझ रहे थे। उन्हें अपर्याप्त रक्त आपूर्ति के कारण उनकी हड्डी गल रही थी। मुख्यधारा की एलोपैथिक चिकित्सा में, प्रस्तावित मानक उपचार हिप रिप्लेसमेंट था, जो अपनी दर्दनाक और महंगी प्रकृति के लिए जाना जाता है।
अश्वनी ने फिर अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में दिखाया। संस्थान के वरिष्ठ आर्थोपेडिक सर्जन डॉ मनोज से परामर्श किया। डॉ मनोज ने गहन जांच के बाद आयुर्वेदिक दवाओं का एक नियम निर्धारित किया और स्थिति के समग्र प्रबंधन के लिए पंचकर्म चिकित्सा की सिफारिश की। पंचकर्म विशेषज्ञ की देखरेख में उनका इलाज किया गया। अश्वनी बताते हैं कि उनका पंद्रह दिन का गहन उपचार चला। पंचकर्म सत्रों के बाद राहत महसूस हुई। दर्द कम हुआ, लचीलापन बढ़ा और नींद की गुणवत्ता में सुधार हुआ।
एआईआईए नई दिल्ली के ऑर्थोपेडिक विभाग के डॉक्टर मनोज ने बताया कि पंचकर्म और कुछ विशेष दवाइयों की मदद से उन्होंने गंभीर बीमारी नेक्रोसिस से मरीज को निजात दिलाया है। उन्होंने कहा कि पंचकर्म इलाज के बाद से मरीज स्वास्थ्य है और बेहतर महसूस कर रहा है।
क्या है एवस्कुलर नेक्रोसिस
एवस्कुलर नेक्रोसिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें हड्डियों में ब्लड सप्लाई रुकने की वजह से हड्डियों के टिश्यूज मरने लगते हैं। इस बीमारी को ऑस्टियो-नेक्रोसिस भी कहा जाता है। इसमें हड्डियां धीरे-धीरे नष्ट होने लगती हैं।