मानसून के मौसम के दौरान हवा में नमी के कारण करंट लगने की आशंका ज्यादा रहती है। करंट से लोगों की मौत हो जाती है। इनमें से ज्यादातर मौतों को टाला जा सकता है। ज्यादातर मौतें घरों में अर्थिग नहीं होने या कमजोर अर्थिंग की वजह से होती है। अर्थिग या तो स्थानीय स्रोत से प्राप्त की जा सकती हैं या घर पर ही गहरा गढ़डा खोदकर खुद बनाई जा सकती हैं।
बारिश में बिजली से होने वाली दुर्घटनाओं से बचने के लिए इन बातों का ध्यान रखें
घर में अर्थिंग की उचित व्यवस्था करें। हरे रंग के तार को हमेशा याद रखें, इसके बिना कभी बिजली उपकरण का प्रयोग न करें, खास कर जब यह पानी के स्रोत को छू रहा हो। पानी करंट के प्रवाह की गति को बढ़ा देता है, इसलिए नमी वाले माहौल में अतिरिक्त सावधानी रखें। तीन पिन वाले प्लग का प्रयोग करते समय ध्यान रखें कि तीनों तार जुड़े हों और पिनें खराब न हों। तारों को सॉकेट में लगाने के लिए माचिस की तीलियों का प्रयोग न करें। किसी भी तार को तब तक न छुएं, जब तक बिजली बंद न कर दी गई हो। अर्थिंग के तार को न्यूट्रल के विकल्प के तौर पर प्रयोग न करें। सभी जोड़ों पर बिजली वाली टेप लगाएं, न कि सेलोटेप या बेंडेड।
गीज़र के पानी का प्रयोग करने से पहले गीज़र बंद कर दें। हीटर प्लेट का प्रयोग नंगी तार के साथ न करें। घर पर सूखी रबड़ की चप्पलें पहनें। घर पर मिनी सर्किट ब्रेकर और अर्थ लीक सर्किट ब्रेकर का प्रयोग करें। मेटलिक बिजली उपकरण पानी के नल के पास न रखें। रबड़ के मैट और रबड़ की टांगों वाले कूलर स्टैंड बिजली उपकरणें को सुरक्षित बना सकते हैं। केवल सुरक्षित तारें और फ्यूज का ही प्रयोग करें। अर्थिग की जांच हर छह महीने में करते रहें। किसी भी आम टैस्टर से करंट के लीक होने का पता लगाया जा सकता है। फ्रिज के हैंडल पर कपड़ा बांध कर रखें। प्रत्येक बिजली उपकरण के साथ बताए गए निर्देश पढ़ें।