आदिवासी छात्रावास में फूड प्वाइजनिंग: अधीक्षकों की बर्खास्तगी की मांग, छात्र-छात्राओं को दी जाये आर्थिक सहायता

जबलपुर के रामपुर में स्थित एकलव्य आदिवासी छात्रावास के 100 बच्चों की तबीयत खाना खाने के बाद अचानक खराब हो गई, जिससे हड़कंप मच गया।

बीमार बच्चों को इलाज के लिए जबलपुर मेडिकल कॉलेज के अलावा जिला चिकित्सालय विक्टोरिया और कुछ निजी अस्पतालों में भर्ती किया गया है।

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि रामपुर के बालक-बालिका छात्रावास में जहरीला भोजन खाने से छात्रावास के सैंकडों छात्र-छात्राओं को उलटीयां होने लगीं आनन-फानन में उन्हें जिला चिकित्सालय विक्टोरिया, मेडीकल एवं निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जिसमें से कुछ छात्र-छात्रायें गंभीर अवस्था में हैं, जिन्हें आईसीयू में रखा गया है।

18 सितम्बर 2023 को एक तरफ जहां पूरा प्रशासन आदिवासी समाज के गौरव शहीद शंकर शाह, रघुनाथ शाह जी का बलिदान दिवस के कार्यक्रम में व्यस्त था और मुख्यमंत्री स्वयं शहर में उपस्थित थे, वहीं दूसरी तरफ छात्रावास अधीक्षकों की तानाशाही हटधर्मिता, भ्रष्टाचार के चलते आदिवासी समाज के गरीब बच्चे जहरीले भोजन का शिकार बन गए।

उक्त घटना बालक-बालिका छात्रावासों के अधीक्षकों की लापरवाही के चलते घटित हुई, छात्रावास अधीक्षकों द्वारा छात्रों को घटिया भोजन परोसने की शिकायतें पूर्व में भी की गई, किन्तु प्रशासन द्वारा उन पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। बीमार छात्र-छात्राओं को मेडीकल कालेज जैसे ही पुहंचे वहां उपस्थित डाक्टर, जूनियर डॉक्टर एवं अन्य स्टाफ द्वारा अपना खाना छोड मरीजों के ईलाज में लग गये।

संघ के पं. योगेन्द्र दुबे एवं मित्रों सहित बीमार छात्रों एवं उनके परिजनों से मिल उनका हालचाल जाना तथा मानव सेवा में तत्पर डॉक्टरों का धन्यवाद करते हुए उनके भोजन की व्यवस्था की गई।

संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, मंसूर बेग, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा आदि ने जबलपुर कलेक्टर से मांग की है की जहरीले भोजन का शिकार हुए छात्रों को तत्काल आर्थिक मदद उपलब्ध कराते हुए लापरवाह छात्रावास अधीक्षकों के विरूद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज कराते हुए उन्हें तत्काल बर्खास्त किया जावे अन्यथा संघ धरना आन्दोलन हेतु बाध्य होगा।