वेस्ट सेंट्रल रेलवे मज़दूर संघ से निष्कासित भूतपूर्व अध्यक्ष आरपी भटनागर व रेलवे से संबंध नहीं रखने वाले उनके पुत्र अमित भटनागर को पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं व कर्मचारियों का समर्थन नहीं मिलने से हताश होकर मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय जबलपुर के समक्ष पिता-पुत्र द्वारा बुलाई गई द्वार सभा का सभी ने एक स्वर में विरोध किया।
जिसका परिणाम यह हुआ कि आरपी भटनागर की सभा में मुश्किल से 15 से 20 रेल कर्मी ही पहुंचे। जिससे भटनागर एण्ड संस की छवि को खासा नुकसान हुआ। संघ के महामंत्री अशोक शर्मा ने बताया कि संघ से सारे अधिकार छिनने व प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित होने के बाद भी नियम विरूद्ध द्वार सभा रखने का कर्मचारियों में इतना आक्रोश फैला कि सभा से रेल कर्मचारियों ने किनारा कर लिया।
उन्होंने बताया कि साथ ही रेल प्रशासन की अनुमति नहीं मिलने पर पुलिस बल ने बलपूर्वक बिना भीड़ के गिने चुने लोग व खाली कुर्सियो पर चल रही सभा को तत्काल रोक दिया। मजबूरन भटनागर संस को सभा छोड़कर जाना पड़ा। नियम विरूद्ध तरीके से बनाये गये नेताओं का घोर विरोध रेलकर्मियों ने किया।