सेवानिवृत्त बिजली कर्मियों की फाइलों में दस्तखत नहीं कर रहे अधिकारी, सिर्फ आश्वासन पर कैसे हो गुजारा

मध्य प्रदेश की बिजली कंपनियों के कर्मियों को सेवानिवृत्ति के 5 माह बाद भी पेंशन नहीं मिल रही है, पेंशन के बदले सिर्फ आश्वासन मिल रहा है, लेकिन आश्वासन से घर का गुजारा नहीं चलता है, ये बात अधिकारियों को समझ भी नहीं आ रही है। कार्यकाल के दौरान मातहत कर्मियों का शोषण करने वाले अधिकारी सेवानिवृत्ति के बाद भी साहबगिरी से बाज नहीं आ रहे हैं।

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि उनके संज्ञान में आया है कि कर्मचारियों को सेवानिवृत्त हुए 5 माह से अधिक हो चुके हैं लेकिन वे सिर्फ आरओ ऑफिस एवं मुख्य अभियंता ऑफिस के लगातार चक्कर लगा रहे हैं और वहां उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है कि आपकी फाइल आ गई है, अधिकारियों के द्वारा दस्तखत बाकी हैं।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि कई बार तो फाइल में अनेक प्रकार की कमी निकाल कर वापस भेज देते हैं। जिसमें महीनों तक फाइल एक ऑफिस से दूसरे ऑफिस घूमती रहती है। बाबुओं से जानकारी लेने आओ तो बोलते हैं कि अपने ऑफिस जाकर अपने बाबू से पूछो, अधिकारी जिस तरह से कर्मचारियों से 24 घंटे काम लेते थे, सेवानिवृत्त होने के बाद सहयोग तक नहीं कर रहे हैं। विगत महीनों में सेवानिवृत्त कर्मचारी नाथूराम काछी और अशोक पटेल को अभी तक पेंशन मिलना शुरू नहीं हुई है, पेंशन न मिलने से दोनों अत्यधिक दुखी हैं और अपने परिवार के सामने आर्थिक संकट आने से परेशान हैं।

संघ के राजकुमार सैनी, मोहन दुबे, विनोद दास, इंद्रपाल सिंह, राजेश शरण, संदीप दीपंकर, पीके मिश्रा, अमीन अंसारी, मुकेश पटेल, राजेश यादव, लाखन सिंह राजपूत आदि ने पूर्व क्षेत्र कंपनी प्रबंधन से मांग की है कि जिस तरह से रेलवे के कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के दिन ही अधिकारियों के द्वारा सभी प्रकार का भुगतान कर दिया जाता है, उसी प्रकार बिजली कंपनी के कर्मचारी को भी सेवानिवृत्ति के दिन ही सभी प्रकार के भुगतान एवं पेंशन ऑर्डर जारी कर दिया जाए।