कर्मचारी कल्याण समिति की अनुशंसा भी दरकिनार, कर्मचारियों के वेतन से राशि काटने में भी अधिकारियों को दिक्कत

सरकारी कर्मचारियों के वेतन से कर्मचारियों के बीमा की राशि काटने भी अधिकारियों को दिक्कत हो रही है।

सरकारी कर्मचारियों के समूह बीमा योजना अंशदान की राशि मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति की अनुशंसा के पश्चात भी पुरानी दर से ही काटी जा रही है।

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने सरकारी कर्मचारियों के समूह बीमा योजना अंशदान की राशि 400 रुपये प्रतिमाह के स्थान पर 200 रुपये वेतन से काटे जाने को गलत बताया है।

कर्मचारी के निधन के पश्चात उनके परिजनों को 200 कटौती पर दो लाख रुपए बीमा की राशि दी जाती है, जो कि वर्तमान समय में अत्यंत अल्प है और इससे परिजनों की आर्थिक समस्या का निदान नहीं हो पाता।

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कर्मचारी संघ ने बताया कि 7 मई 2016 को गठित समिति ने 14 जुलाई 2017 को अपना प्रतिवेदन सरकार को सौंप दिया था, जिसमें समूह बीमा योजना के अंर्तगत अंशदान की राशि प्रतिमाह वेतन से 400 रुपए काटने की अनुशंसा की गई थी, लेकिन आज भी अनुशंसा लागू ना होने के कारण मृत कर्मचारियों के परिजानों को कम बीमा क्लेम दिया जा रहा है।

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के अटल उपाध्याय, मुकेश सिंह, मंसूर वेग, मनीष चौबे, योगेन्द्र मिश्रा, श्याम नारायण तिवारी, मो. तारिक, धीरेन्द्र सोनी, अभिसेक मिश्रा, सोनल दुबे, देव दत्तशुक्ला, राकेश पाडेय, प्रणव साहू, विजय कोष्टी, अब्दुल्ला चिस्ती, महेश कोरी, राकेश दुबे, गणेश उपाध्याय, केके प्रजापति ने समूह बीमा योजना के अंर्तगत अंशदान की राशि प्रतिमाह 400 रुपये वेतन से काटे जाने की माँग की है।