फिर बाहर आया विसंगतियों से पूर्ण सार्थक एप का जिन्न, कैसे चलाएं बिना कम्प्यूटर दक्ष कर्मचारी

मध्य प्रदेश के अस्पताल प्रशासन संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें सतपुडा भवन भोपाल के द्वारा पत्र जारी कर प्रदेश के समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से सार्थक एप मे उपस्थिति दर्ज नहीं किये जाने हेतु स्पष्टीकरण मांगा गया है, इसके तारतम्य में सीएमएचओ और सिविल सर्जन द्वारा तत्काल पत्र जारी कर चिकित्सकों, अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थित सार्थक एप में दर्ज न होने पर वेतन आहरण न करने की चेतावनी जारी कर दी गई है।

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रदेश के चिकित्सकों, अधिकारियों तथा कर्मचारियों द्वारा बताया गया कि एप चिकित्सकों, अधिकारियों और कर्मचारियों के हित में न होकर विभिन्न विसंगतियों से पूर्ण है। इन विसंगतियों के कारण एप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने में चिकित्सकों, अधिकारियों तथा कर्मचारियों को कई प्रकार की समस्याएं आने की संभावनाएं है।

ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ उपस्वास्थ्य केन्द्र ऐसे भी हैं जहां इंटरनेट एवं लाईट का अभाव है, जहां से उपस्थिति दर्ज करना संभव नहीं है, स्वास्थ्य विभाग जो कि आपातकालीन सेवाओं की प्रदायगी सुनिश्चित करता है, ऐसे विभाग में कार्यरत चिकित्सकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के ड्यूटी समय की अनिश्चितता एवं परिवर्तनशीलता का सूक्ष्म परीक्षण करने के पश्चात् तथा इसकी उपयोगिता सुनिश्चित होने पर इसे सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश शासन के स्वास्थ्य विभाग में लागू नहीं किया जाये एवं व्यवहारिक कठिनाईयों हेतु इसे सरलीकृत कर समस्त संगठनों के पदाधिकारियों से विभागीय अधिकारियों से चर्चा कर दोनों पक्षों की सहमति तक इसे स्थगित रखा जाये।

वहीं चतुर्थ श्रेणी के सभी कर्मचारियों को एंड्राइड मोबाइल भी उपलब्ध नहीं है और साफ्टवेयर चलाना भी नहीं आता, जिससे उनके द्वारा एप में उपस्थिति दर्ज किया जाना संभव नहीं है। अन्य विभागों में सार्थक एप क्यों लागू नहीं की गई, जबकि स्वास्थ्य विभाग शासन की रीढ़ की हड्डी है और कोरोना काल में कोरोना योद्वाओं द्वारा लगातार बिना जान की परवाह किये दिन रात काम किया गया है, उसके बाद भी शासन को कोरोना योद्वाओं में विश्वास क्यों नहीं है।

संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अटल उपाध्याय, वीरेंद्र चंदेल, एसपी बाथरे, आलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा, अंकित चौरसिया, शैलेन्द्र दुबे, इंद्रजीत मिश्रा, सतीश देशमुख, अमित पटेल, आकाश गुप्ता, प्रीतोष तारे, आदित्य जायसवाल, विकास श्रीवास्तव, कीर्तीमान सिंह, राजीव मिश्रा, योगेश कपूर, पंकज जायसवाल, तुषरेन्द्र सिंह, नीरज कौरव, जवाहर लोधी, हेमन्त गौतम, महेन्द्र चौधरी, अमित गौतम, शैलेन्द्र दुबे, दिनेश वर्मा, रामकृष्ण तिवारी, संदीप चौबे, रितुराज गुप्ता आदि ने प्रमुख सचिव मप्र शासन से मांग की है कि इस एप को तत्काल निरस्त किया जाये और समस्त चिकित्सकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति पूर्ववत ही ली जाये।