Tuesday, April 30, 2024
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भगवान भरोसे चल रहा विद्युत तंत्र: 8000 ट्रांसफार्मर, 6 डीसी, 18 सब-स्टेशन और नियमित कर्मी सिर्फ 26

मध्य प्रदेश विद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि संघ पदाधिकारियों के द्वारा विगत दिवस मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत जबलपुर ग्रामीण सर्किल के पाटन संभाग के कार्यपालन अभियंता नवनीत राठौर से तकनीकी कर्मियों की लंबित समस्याओं का निराकरण किए जाने चर्चा की गई।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि कार्यपालन अभियंता को पूर्व में दिए गए पत्रों पर जानकारी ली गई। साथ ही लंबित मांगों जैसे आउटसोर्स, संविदा एवं नियमित कर्मियों को एक्स्ट्रा वेजेस, अवकाश के दिन बुलाने पर दुगनी दर से वेतन का भुगतान एवं आउटसोर्स कर्मी जिनके द्वारा आईटीआई अथवा ओवरहेड किया गया है, उन सभी को ₹1000 जोखिम भत्ते के रूप में दिए जाने पर चर्चा की गई।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने कार्यपालन अभियंता को बताया कि ₹1000 जोखिम भत्ते के रूप में दिए जाने के आदेश कंपनी के मानव संसाधन एवं प्रशासन विभाग द्वारा दिए जा चुके हैं। इस पर कार्यपालन अभियंता ने कहा कि इस पर कार्यवाही चल रही है। जिन कर्मियों को एक्स्ट्रा वेजेस नहीं दिया गया है, उन सभी को एक्स्ट्रावेजेस एवं दुगनी दर से वेतन देने की कार्यवाही की जा रही है। जोखिम भत्ता जिन भी आउटसोर्स कर्मियों को नहीं मिल रहा है, उनकी लिस्ट बनाकर उच्च अधिकारियों को शीघ्र भेज दी जाएगी।

हरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि सुरक्षा उपकरण का अभाव है, जैसे- नई किट में हैंड ग्लव्स लाल रंग के आए हैं उनको पहनकर करंट का कार्य करते नहीं बनता है। पेचकस, झूला, बांस की सीढ़ी, टॉर्च, हेलमेट, डिस्चार्ज रॉड, फर्स्ट एड बॉक्स, अग्नि संयंत्र सब-स्टेशन में नहीं है। झाड़ काटने की मशीन नहीं है। ट्रांसफार्मर खोलने के लिए पाने के सेट नहीं है। एलटीएसटी केबल जल जाती है तो उसे बदलने के लिए केबल नहीं है। उपभोक्ता हमेशा परेशान रहता है।

इस पर कार्यपालन अभियंता ने कहा कि ने कहा कि सुरक्षा उपकरण एवं केबल आदि की शीघ्र व्यवस्था की जावेगी। आउटसोर्स, संविदा एवं नियमित कर्मी से लगातार जोखिमपूर्ण कार्य जा रहे हैं, उन्हें कार्य करने की अधिकृत सूची दी जावे। कार्यपालन अभियंता ने कहा कि अनेक डीसी में कार्य करने की अधिकृत सूची दी गई है, जिस भी डीसी में या कर्मचारी के पास अधिकृत सूची नहीं दी गई है वहां पर शीघ्र दी जावेगी। स्मार्ट मीटर लगने के बाद मीटर रीडर को नौकरी से न निकाला जावे। लगातार सेवानिवृत्त हो रहे कर्मचारियों के स्थान में उन मीटर रीडरों को रखा जावे।

कार्यपालन अभियंता ने बताया कि जिस तरह से पाटन संभाग का क्षेत्रफल बड़ा है, उस हिसाब से नियमित कर्मचारियों की अत्याधिक कमी है। आउटसोर्स एवं संविदा कर्मी करंट का कार्य नहीं कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे क्षेत्रांतर्गत 67000 उपभोक्ता है, 8000 ट्रांसफार्मर हैं, 6 डीसी हैं, 18 सब-स्टेशन हैं, जो आउटसोर्स कर्मचारी के भरोसे चल रहे हैं। नियमित कर्मचारियों की संख्या केवल 26 है। वहीं 27 संविदा कर्मचारी हैं और 181 आउटसोर्स कर्मचारी हैं।

कार्यपालन अभियंता एवं संघ प्रतिनिधियों के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण में वार्ता की गई। कार्यपालन अभियंता ने आश्वासन दिया है कि बाकी सभी समस्याओं का शीघ्र निराकरण किया जावेगा। इस दौरान संघ के मोहन दुबे, अजय कश्यप, शशि उपाध्याय, लखन सिंह राजपूत, अरुण मालवीय, इंद्रपाल सिंह, जगदीश मेहरा, विकास ठाकुर, सचिन नामदेव, पवन विश्वकर्मा, राजकुमार विश्वकर्मा, गोली राम पटेल आदि उपस्थित रहे।

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