Thursday, May 2, 2024
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एक बार जरूर सोचना: बिजली कर्मियों के साथ आपका अभद्र व्यवहार कितना उचित है?

इन दिनों गर्मी अपने चरम पर है, ऐसे में बिजली की मांग बढ़ गयी है। वहीं मौसम किसी समय भी परिवर्तित हो जाता है एवं कुछ जगहों पर शाम के वक्त आंधी तूफ़ान का सामना भी करना पड़ता है। ऐसे में बिजली विभाग अपने कार्यक्षेत्र में विभिन्न प्रकार के मेंटेनेंस कार्य करवा रहा है, ताकि उपभोक्ता को निर्बाध विद्युत आपूर्ति प्रदान की जा सके। विद्युत लाइनों का मेंटेनेंस, ट्रांसफॉर्मर का मेंटेनेंस एवं पेड़ो की छंटाई-कटाई का कार्य निरंतर हर संभाग और वृत के अंतर्गत रोजाना किया जा रहा है।

मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी सहित प्रदेश की सभी विद्युत वितरण कंपनियों के अधिकारी-कर्मचारी 24 घंटे एवं सातों दिन हर पल मुश्तैदी के साथ हर जगह अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे है। विद्युत विभाग के कर्मचारी हर मौसम एवं विपरीत परिस्थितियों में अपनी सेवाएं निरंतर जारी रखते है। इसमें कोई दो राय नहीं कि कई बार बिजली किसी तकनीकी समस्या के कारण भी कुछ समय के लिए बंद होती है, परन्तु विद्युत विभाग समय सीमा के अंतर्गत इसका सुधार कार्य कर जल्द से जल्द उपभोक्ता को निराकरण प्रदान करता है।

बिजली कर्मचारी हर तरह की विपरीत परिस्थति में अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। विद्युत मेंटेनेंस कार्य सामान्य प्रक्रिया के अंतर्गत किया जाता है, जिससे निर्बाध बिजली उपभोक्ता को प्रदान की जा सके। इसके बावजूद भीषण ठंड, भारी बारिश एवं चिलचिलाती गर्मी में अपने उपभोक्ताओं यानी आम नागरिकों के लिए हर वक्त निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए सजग रहने वाले इन जमीनी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार करना क्या उचित है।

पुलिस विभाग का अधिकारी होने के नाते या किसी भी विभाग का अधिकारी अथवा रसूखदार होने से यह अधिकार नहीं मिल जाता है कि कोई भी बिजली कर्मचारियों के साथ अभद्रता करे। जिस देश के संविधान में हर व्यक्ति को समानता का अधिकार मिला हो वहां किसी कर्मचारी से अभद्रता, गाली-गलौच या मारपीट करना कहां तक उचित है। 

मुख से निकले शब्द व्यक्ति के व्यवहार और स्वभाव का परिचय दे देते हैं, इसलिए बोलने से पहले सौ बार सोचिए और सामने वाले के स्वाभिमान का भी सम्मान कीजिए। अधिकारी या रसूखदार होने के नाते एक बार जरूर विचार करना कि आपका व्यवहार और आपकी वाणी सृजनात्मक है या विध्वंशात्मक।

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