Monday, May 6, 2024
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मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति को अधिकारी दिखा रहे ठेंगा, आरोपी को मिल रहे प्रभार पर प्रभार

मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति को अधिकारी ठेंगा दिखाते हुए भ्रष्टाचार के आरोपी को ही प्रभार पर प्रभार सौंप रहे हैं। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के योगेन्द्र दुबे ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि 12.10.2021 को तत्कालीन संयुक्त संचालक लोक शिक्षण जबलपुर संभाग जबलपुर के प्रभारी संयुक्त संचालक राममोहन तिवारी अपने कार्यालय की चौकीदार अनीशा बाई से 21000 रुपये रिश्वत की मांग कर रहे थे, चौकीदार महिला द्वारा जिसकी शिकायत लोकायुक्त जबलपुर से की गई थी।

उक्त शिकायत पर लोकायुक्त जबलपुर दल द्वारा कार्यालय के दो लिपिकों सहित प्रभारी संयुक्त संचालक लोक शिक्षण राममोहन तिवारी को आरोपी बनाते हुए भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा-7 एवं 13 (1) डी, 13 (2) के तहत् प्रकरण पंजीबद्ध कर गिरफ्‌तार किया जाकर मौके पर ही जमानत पर छोड़ा गया है।

शिक्षा विभाग में इतने बड़े पद पर आसीन अधिकारी के भ्रष्टाचार के मामले में प्रकरण दर्ज होने के लगभग 2 वर्षों के बाद भी लोकायुक्त द्वारा आज दिनांक तक न्यायालय में चालान प्रस्तुत नहीं किया गया है। हद तो यह है कि भ्रष्टाचारी को उनके पदीय दायित्वों के साथ-साथ संयुक्त संचालक लोक शिक्षण विधि प्रकोष्ठ एवं प्राचार्य प्रगत शैक्षणिक अध्ययन संस्थान (पीएसएम) जबलपुर का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा दिया गया है।

भ्रष्टाचार के मामले में दोषी अधिकारी को संयुक्त संचालक विधि प्रकोष्ठ एवं प्राचार्य प्रगत शैक्षणिक अध्ययन संस्थान (पीएसएम) जबलपुर का प्रभार दिया जाना समझ से परे है, जबकि इस संस्थान में उपसंचालक स्तर के तीन तीन अधिकारी कार्यरत हैं। वहीं राम मोहन तिवारी विगत 20-22वर्षो से जबलपुर के एक ही संस्थान में पदस्थ हैं, जिसकी शिकायत चुनाव आयोग को भी कि जा रही है जो प्रदेश के मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस नीति के भी विरूद्ध है।

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