नगरीय विकास एवं आवास आयुक्त भरत यादव ने गंभीर कदाचरण और शासकीय राशि के गबन के आरोपों की प्रामाणिकता के आधार पर नगरीय प्रशासन एवं विकास संचालनालय के निलंबित सहायक वर्ग-3 रामसिंह रायपुरिया को शासकीय सेवा से पृथक करने के आदेश जारी किए हैं। विभागीय जांच प्रतिवेदन के आधार पर श्री रायपुरिया को सेवा से पृथक करने की करने की कार्रवाई की गई है। श्री रायपुरिया द्वारा गबन की गई शासकीय राशि, जिसकी वूसली हितग्राही खाताधारकों से नहीं की जा सकेगी, उसकी भरपाई सेवा शर्तों के अनुसार भू-राजस्व के बकाया की भांति वसूली योग्य होगी।
विभागीय जांच प्रतिवेदन में प्रमाणित किया गया है कि रामसिंह रायपुरिया द्वारा ही कुल 33 कूटरचित पत्र तैयार करते हुए एवं तत्कालीन संयुक्त संचालक और अपर संचालक अनिल कुमार गोंड के कूटरचित हस्ताक्षर का उपयोग करते हुए 7 करोड 59 लाख 51 हजार की राशि स्वयं व अपने रिश्तेदारों के खातों में हस्तांतरित कर शासकीय राशि का गबन किया है।
गौरतलब है कि रामसिंह रायपुरिया द्वारा नगरीय विकास एवं आवास संचालनालय के माध्यम से नगरीय स्थानीय निकायों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए संचालित राष्ट्रीय पेंशन योजना के भारतीय स्टेट बैंक की शाखा लिंक रोड 1 में संधारित बचत खाते से कूटरचना कर राशि स्वयं, अपने रिश्तेदारों एवं अन्य व्यक्तियों के खाते में हस्तांरित कर शासकीय राशि का गबन किया गया था। रामसिंह रायपुरिया के विरूद्ध दिसम्बर 2022 में भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 406,409, 420, 467, 468 एवं 471 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके सम्बन्ध में आपराधिक प्रकरण जिला एवं सत्र न्यायालय, भोपाल में प्रचलित है। श्री रायपुरिया वर्तमान में केंद्रीय कारागार भोपाल में निरुद्ध हैं।