ऐसा सिर्फ मध्य प्रदेश में हो सकता है: मंत्रालय के लिपिकों और मैदानी लिपिकों के वेतन में बड़ा अंतर

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा जबलपुर संरक्षक योगेंद्र दुबे एवं जिलाध्यक्ष अटल  उपाध्याय ने बताया है कि प्रदेश के मैदानी लिपिकों के कर्तव्य अहम और चुनौतीपूर्ण है। आज कार्यालयों के लिपिक आनलाइन वित्तीय प्रबंधन, सूचना प्रणाली, आईएफएमआईएस, पेपर फाइलिंग, इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटराजड स्टोरिंग डेटाबेस सिस्टम, ऑनलाइन कार्यपद्धति के साथ नियमित, स्थापना, लेखा, भंडार ऑडिट, बजट विधानसभा, सीएम हेल्पलाइन सूचना का अधिकार आवक-जावक जैसे आधारभूत कार्य के साथ स्थानीय प्रशासन द्वारा जनगणना, टीकाकरण, बीएलओ, मतदाता पर्ची वितरण, चुनाव कार्य जैसे महत्वपूर्ण दायित्व निर्वाहन कर रहे हैं। इसके साथ ही राजस्व वसूली, महत्वाकांक्षी योजनाएं को अमलीजामा पहनाते हैं।

मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने बताया है की मैदानी लिपिकों का कार्य मंत्रालय के लिपिकों की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण है, लिपिक संवर्ग का समान कार्य समान वेतन संवैधानिक अधिकार है। इसलिए मैदानी सहायक ग्रेड-3 को ऑपरेटर सह लिपिक के समान 3200 रुपए ग्रेड पे स्वीकृत किया जाये। मैदानी सहायक ग्रेड-3 को मंत्रालय के समान द्वितीय समयमान वेतनमान (9300-34800+ग्रेड पे 3600) स्वीकृत किया जाये।

मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संरक्षक योगेन्द्र दुबे, जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय, विश्वदीप पटेरिया, नरेश शुक्ला, संतोष मिश्रा, मुकेश चतुर्वेदी, संजय गुजराल, देव दोनेरिया,  प्रशांत सोधिया, धीरेंद्र सिंह, मुकेश मरकाम, प्रदीप पटेल, सतीश उपाध्याय, अजय दुबे, रवि बांगड़, मनोज राय, विनय नामदेव, दुर्गेश पाण्डे, संदीप नेमा ने प्रदेश के सभी सहायक ग्रेड-3 को एक समान समयमान ग्रेड पे देने की माँग की है।