मप्र। भारत शासन के विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सेन्ट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी-सीईए) के द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार देश के 37 राज्यों व यूटिलिटी में से मध्यप्रदेश ऊपर से पांचवे स्थान पर है, जहां 12,338 मेगावाट से अधिक की बिजली की मांग एवं उपलब्धता है। सीईए द्वारा यह जानकारी चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 के अप्रैल से दिसंबर माह तक अधिकतम बिजली मांग और अधिकतम उपलब्धि (पीक डिमांड एन्ड पीक मेट) के अंतर्गत जारी की गई है। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में जितनी बिजली की मांग थी, उससे अधिक बिजली की उपलब्धता है।
सीईए के द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 के अप्रैल से दिसंबर माह तक अधिकतम बिजली मांग और अधिकतम उपलब्धि के अंतर्गत जारी की गई। विस्तृत जानकारी में बताया गया है कि मध्यप्रदेश में इस दौरान बिजली की अधिकतम मांग 12,338 मेगावाट रही। एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के प्रबंध संचालक संजय कुमार शुक्ल ने जानकारी दी कि मध्यप्रदेश में अधिकतम बिजली की मांग के बावजूद प्रदेश के कृषि क्षेत्र को सिंचाई हेतु 10 घंटे और घरेलू, व्यावसायिक व औद्योगिक उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली सप्लाई सुनिश्चित की गई। श्री शुक्ल ने बताया कि प्रदेश में इस सीजन में 70 दिन से बिजली की मांग 11,000 मेगावाट से ऊपर बनी हुई है, वहीं 10 दिन बिजली की मांग 12,000 मेगावाट से ऊपर दर्ज हुई। सीईए द्वारा जारी जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 के अप्रैल से दिसंबर माह तक मध्यप्रदेश से ऊपर चार राज्यों, महाराष्ट्र में 22,542 मेगावाट, उत्तरप्रदेश में 20,274 मेगावाट, गुजरात में 16,590 और तमिलनाडु में 15001 मेगावाट बिजली की अधिकतम मांग रही।