Saturday, October 5, 2024
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जबलपुर में शासकीय राशि के गबन और दुरुपयोग के मामले में सरपंच और सचिव के वित्तीय अधिकार लिये वापस

जबलपुर जिला पंचायत की सीईओ श्रीमती जयति सिंह ने प्रधानमंत्री आवास योजना तथा पौधारोपण में शासकीय राशि का दुरुपयोग एवं गबन करने के आरोप में पनागर जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत निरन्दपुर की सरपंच श्रीमती अर्चना पटैल एवं इस ग्राम पंचायत के सचिव राजेश पटैल के वित्तीय अधिकार वापस ले लिये हैं। इस मामले में गबन की गई कुल 5 लाख 22 हजार 695 रुपये गबन की गई राशि की वसूली की कार्यवाही जिला पंचायत सीईओ के न्यायालय में प्रचलन में है।

जिला पंचायत सीईओ द्वारा यह कार्यवाही ग्राम पंचायत निरन्दपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना एवं पौधारोपण में हुये भ्रष्टाचार की प्राप्त शिकायतों को जाँच में प्रथम दृष्टया सही पाये जाने पर की गई है। शिकायतों की जांच जिला पंचायत एवं जनपद पंचायत पनागर की टीम से कराई गई थी।

जिला पंचायत से प्राप्त जानकारी के अनुसार जांच में यह पाया गया कि ग्राम पंचायत निरंदपुर में सरपंच एवं सचिव ने वित्तीय अधिकारों का दुरुपयोग कर प्रधानमंत्री आवास योजना के तीन हितग्राहियों को मजदूरी की राशि का भुगतान नहीं किया, बल्कि उनसे बिना सहमति पत्र लिये मस्टर रोल में अन्य लोगों का नाम चढ़ाकर 35 हजार 152 रुपये की मजदूरी की राशि निकाल ली गई। इसी प्रकार ग्राम पंचायत में पौधारोपण के नाम पर सरपंच एवं सचिव ने 4 लाख कार्य में स्थल पर 69 हजार 183 रुपये की मनरेगा की राशि का गबन किया गया। सरपंच और सचिव द्वारा जहाँ पौधारोपण होना बताया गया जाँच में वहाँ न तो गढ्ढे मिले और न ही पौधे लगे पाये गये।

इसके अलावा सरपंच और सचिव ने प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत मृत व्यक्ति स्व. धनसिंह दुबे के नाम से फर्जी मस्टर रोल जारी कर 18 हजार 360 रुपये राशि का किया गया गबन भी जाँच में प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाया गया।

जिला पंचायत की सीईओ ने कुल 5 लाख 22 हजार 695 रुपये के दुरुपयोग एवं गबन के इस मामले में ग्राम पंचायत निरन्दपुर की सरपंच एवं पंचायत सचिव से वित्तीय अधिकार वापस लेने का आदेश जारी कर जनपद पंचायत पनागर के समन्वयक अधिकारी एसएस सिरसाठ को सरपंच निरन्दपुर और ग्राम पंचायत सूरतलाई के सचिव नन्दकुमार पटेल को पंचायत सचिव निरन्दपुर के वित्तीय अधिकार अस्थाई रूप से सौंपे हैं। ज्ञात हो कि जाँच अधिकारियों द्वारा इस मामले में गबन की गई पूरी राशि को सरपंच एवं सचिव से वसूली योग्य बताया गया है।

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