एमपी सरकार पर बड़ा आरोप: कर्मचारी संगठनों के आंदोलनों को रौंदा जा रहा

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संरक्षक योगेन्द्र दुबे ने एमपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि कर्मचारी संगठनों के आंदोलनों को रौंदा जा रहा है, भोपाल में होने वाले आंदोलन की अनुमति नहीं दी गई है, आंदोलित कर्मचारियों ने समस्त जिलों में प्रदर्शन कर ज्ञापन दिए, जिले में जबलपुर तहसीलदार आनंद कुमार को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन दिया गया।

जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय ने बताया है कि कर्मचारियों की पदोन्नतियां बंद है। मुख्यमंत्री चिकित्सा बीमा योजना के आदेश नहीं किए जा रहे है। पुरानी पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा है। रमेशचंद्र शर्मा आयोग की अनुशंसा लागू नहीं की जा रही है। आवास भत्ता 18 वर्षों से नहीं बढाया गया है। जीआईएस की कटौती नहीं बढ़ाई जा रही है। 

इसके अलावा कार्यभारित स्थापना के कर्मचारियों कों नियमित स्थापना में नहीं किया जा रहा है। मंत्रालयीन कर्मचारियों के समान सभी लाभ प्रदेश के कर्मचारियों को नहीं दिये जा रहे है। कर्मचारियों की 23 सूत्रीय मांगों के निराकरण ना किये जाने के विरोध में 29 जनवरी को भोपाल में आन्दोलन करने की अनुमति मागी गई थी, जिसे शासन ने निरस्त कर दिया है।

मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संरक्षक योगेन्द्र दुबे, जिला अध्यक्ष अटल उपाध्याय, संजय गुजराल, संतोष मिश्रा, नरेश शुक्ला, अजय दुबे, प्रशांत सोधिया, अलोक अग्निहोत्री, ब्रजेश मिश्रा, इन्द्रप्रताप यादव, विपिन पीपरे, वैधनाथ अय्यर ने कर्मचारियों की मांगों के लिए भोपाल में किये जा रहे आन्दोलन को अनुमति न देकर कर्मचारियों की मांगों को दबाने की कटु निन्दा करते हुए, जल्द मांगों का निराकरण करने की मांग की है।