मध्य प्रदेश के लाखों शासकीय कर्मचारियों को आज भी छटवें वेतनमान के अनुसार 16 वर्ष पुरानी दरों से गृह भाडा भत्ता, यात्रा भत्ता, सचिवालयीन कार्य भत्ता आदि दिया जा रहा है। इसके चलते कर्मचारियों को भारी आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है।
इसे देखते हुए राज्य शासन द्वारा शासकीय कर्मियों को देय भत्तों के पुनरीक्षण पर विचार करने के लिए वित्त विभाग के सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया है। सचिव सामान्य प्रशासन विभाग और उप सचिव (नियम), वित्त विभाग समिति के सदस्य होंगे।
समिति राज्य शासन द्वारा शासकीय कर्मियों को देय भत्तों यथा गृह भाड़ा भत्ता, यात्रा भत्ता, सचिवालयीन कार्य भत्ता आदि के पुनरीक्षण पर विचार कर अगले दो माह की अवधि में अपर मुख्य सचिव वित्त को अपना तथ्यात्मक प्रतिवेदन देगी।