मध्य प्रदेश के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग ने बताया कि मध्यप्रदेश ने पंप हायड्रो स्टोरेज परियोजनाओं में भी देश में अपना विशिष्ट स्थान बनाएगा। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा किये गये आकलन के अनुसार मध्यप्रदेश में विकास के लिये 11.2 गीगावाट पंप हायड्रो स्टोरेज परियोजनाओं की क्षमता उपलब्ध है। मंत्रि-परिषद द्वारा आज पंप हायड्रो स्टोरेज परियोजनाओं के क्रियान्वयन तथा निविदा प्रक्रिया संपादित करने का निर्णय लिया गया है।
पंप हायड्रो स्टोरेज परियोजना को प्रोत्साहित करने के लिये पंजीकृत परियोजनाओं को मध्यप्रदेश नवकरणीय ऊर्जा नीति-2022 में प्रस्तावित विद्युत शुल्क और ऊर्जा विकास उपक्रम छूट, स्टाम्प ड्यूटी की प्रति-पूर्ति, व्हीलिंग प्रभार में छूट, पंजीकरण-सह-सुविधा शुल्क में छूट, शत-प्रतिशत सर्कल दर पर ‘उपयोग के अधिकार’ के साथ शासकीय भूमि आदि प्रोत्साहन और लाभ का फायदा मिलेगा।
मंत्री हरदीप सिंह डंग ने बताया कि राज्य में पंप हायड्रो स्टोरेज परियोजनाओं की एक नई श्रेणी- ऑफ रिवर हायड्रो स्टोरेज परियोजनाओं की भी पर्याप्त संभावना मौजूद है। इस क्षमता के क्रमबद्ध विकास के लिये पंप स्टोरेज योजना निर्मित की गई है। इससे प्रदेश में हरित ऊर्जा के अलावा निवेश और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। परियोजना के लिये स्थल का चयन नोडल एजेंसी द्वारा किया जाएगा।
पंप हायड्रो स्टोरेज परियोजनाओं को विभिन्न तरीकों से विकसित किया जाएगा। पहला- ओपन एक्सेस से तृतीय पक्ष उपभोक्ताओं को एक्सचेंज में विक्रय अथवा केप्टिव उपयोग के लिये आमंत्रित निविदा और दूसरा- एमपीपीएमसीएल द्वारा विद्युत क्रय के लिये आमंत्रित निविदा द्वारा। परियोजना की विभिन्न गतिविधियों को अधिकतम 6 वर्ष की समय-सीमा के अनुसार पूरा किया जाएगा। इसकी प्रगति की समय-समय पर समीक्षा भी की जाएगी।