कोलकाता (हि. स.)। भारत-बांग्लादेश के बीच मौजूदा तनाव भरे माहौल में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठियों के भारत में प्रवेश करने की आशंका बनी हुई है। इसमें हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने वाले तत्व भी शामिल हो सकते हैं। इसलिए केंद्रीय खुफिया एजेंसी के साथ मिलकर पश्चिम बंगाल पुलिस बड़े पैमाने पर ऐसे नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटी हुई है।
पश्चिम बंगाल पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि राज्य में सक्रिय गिरोह, जो बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए फर्जी भारतीय पासपोर्ट और दस्तावेज तैयार करते हैं, उनका एक समान तरीका और पैटर्न सामने आया है। राज्य पुलिस की जांच में यह तथ्य उजागर हुआ है। इन गिरोहों का पहला मुख्य आधार अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से सटे गांव होते हैं, चाहे वह जमीन हो या समुद्री सीमाएं।
इन गिरोहों के कार्य करने का दूसरा समान पैटर्न उनके चरणबद्ध तरीके में पाया गया है। पुलिस जांच के मुताबिक, जब भी कोई बांग्लादेशी घुसपैठिया अवैध रूप से सीमा पार कर भारत में प्रवेश करता है, तो इन गिरोहों के एजेंट सबसे पहले उनके संपर्क में आते हैं। जो घुसपैठिए बड़ी रकम देने की इच्छा जताते हैं, उनके लिए सीमावर्ती गांवों में सुरक्षित घरों में ठहरने की व्यवस्था की जाती है।
इसके बाद, सबसे पहले भारतीय पहचान पत्र जैसे राशन कार्ड, फिर आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी) और पैन कार्ड तैयार कराए जाते हैं। फर्जी पासपोर्ट बनाने का कार्य अंतिम चरण होता है। सूत्रों के मुताबिक, इस पूरी प्रक्रिया में घुसपैठियों को दो लाख से तीन लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं।
रविवार को पश्चिम बंगाल पुलिस की तटीय पुलिस डिवीजन ने ऐसे ही एक गिरोह के दो सरगनाओं समरेश बिस्वास और दीपक मंडल को गिरफ्तार किया। दीपक मंडल भारतीय डाक विभाग में संविदा कर्मचारी है। इससे पहले, पुलिस ने उसके बेटे रिपन मंडल को भी गिरफ्तार किया था। रविवार को पश्चिम बंगाल की एक जिला अदालत ने समरेश बिस्वास और दीपक मंडल को 20 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।
सूत्रों के मुताबिक, इनका तरीका नदिया जिले के एक गिरोह से मेल खाता है, जिसने हाल ही में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के पूर्व कार्यकर्ता सलीम मतबार के फर्जी पासपोर्ट की व्यवस्था की थी। सलीम मतबार को हाल ही में कोलकाता के पार्क स्ट्रीट स्थित एक होटल से गिरफ्तार किया गया था।
पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में, विशेषकर बांग्लादेश से सटे जिलों में, सक्रिय ये फर्जी पासपोर्ट गिरोह खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चुनौती बन चुके हैं। बांग्लादेश में मौजूदा संकट के बीच अवैध घुसपैठ बढ़ने की आशंका ने इस खतरे को और गंभीर बना दिया है।