कोलकाता (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के सुंदरबन क्षेत्र में बांग्लादेश के साथ समुद्री सीमाओं पर अवैध आव्रजन की आशंका के बीच सुरक्षा एजेंसियों ने गश्त बढ़ा दी है। इस अभियान में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), कोस्ट गार्ड और तटीय पुलिस सहित विभिन्न केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियां शामिल हैं।
राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बीएसएफ और राज्य पुलिस के गश्ती दल के साथ-साथ वन विभाग के अनुभवी अधिकारी और कर्मचारी भी इस प्रक्रिया में शामिल हैं, जो इस क्षेत्र की संकरी खाड़ियों से भली-भांति परिचित हैं।
नवीनतम जानकारी के अनुसार, तटीय पुलिस बल और वन विभाग के संयुक्त दल मुख्य नदी से जुड़ी कई खाड़ियों की निगरानी के लिए उच्च गुणवत्ता वाली मोटराइज्ड नावों का उपयोग कर रहे हैं। दूसरी ओर, बीएसएफ ने मोटराइज्ड नावों, स्पीड बोट्स और अन्य जहाजों का उपयोग करके सुंदरबन क्षेत्र में समुद्री सीमाओं पर गश्त को तेज कर दिया है। इसके तहत निजी जहाजों को रोक कर उनकी तलाशी ली जा रही है और यात्रियों के नागरिकता दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
इसके अतिरिक्त, कोस्ट गार्ड ने भी सुंदरबन क्षेत्र में 24 घंटे की निगरानी के लिए एक होवरक्राफ्ट तैनात किया है। इन सभी बलों को उच्च गुणवत्ता वाले नाइट-विज़न कैमरों और दूरबीनों से लैस किया गया है, क्योंकि रात के समय अवैध आव्रजन की संभावना अधिक रहती है।
राज्य पुलिस के सूत्रों ने बताया कि समुद्री सीमा के पास स्थित द्वीप गांवों में निवासियों की आवाजाही पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं। क्षेत्र के कुछ स्थानों पर मछली पकड़ने पर प्रतिबंध के साथ-साथ इन गांवों के निवासियों को नदी तटबंधों पर चढ़ने से मना किया गया है।
इसके अलावा, इन गांवों के निवासियों को सूर्यास्त के बाद अपने घरों के बाहर ज्यादा देर तक न रहने की सलाह भी दी गई है। इस सख्ती का उद्देश्य अवैध आव्रजन को रोकना और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।