अनूपपुर (हि.स.)। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर (प्रधान खंडपीठ) ने रेलवे के पक्ष में निर्णय सुनाते हुए अमलाई रेलवे गुड्स शेड को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सीटीओ लेने के बाद फिर से चालू करने की अनुमति दे दी है। इस फैसले के बाद रेल प्रशासन ने तुरंत अमलाई गुड्स शेड को फिर से सक्रिय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
ज्ञात हो कि स्थानीय लोगों द्वारा रेल कोल यातायात के कारण प्रदूषण उत्पन्न होने एवं स्थानीय रहवासियों की प्रदूषण के कारण उत्पन्न हो रही परेशानियों को देखते हुये उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। जिस पर उच्च न्यायालय ने 25 अप्रैल 2024 से अमलाई रेलवे गुड्स शेड पर प्रतिबंध लगा दिया था।
इस दौरान बिलासपुर (छग) मंडल रेल प्रबंधक प्रवीण पाण्डेय के मार्गदर्शन एवं वरि.मंडल वाणिज्य प्रबंधक अनुराग कुमार सिंह के निर्देशन में रेलवे प्रशासन द्वारा इस याचिका को चुनौती देते हुये उच्च न्यायालय द्वारा चाहे गए सभी मुद्दों पर जानकारी देते हुए मजबूती से अपने पक्ष को रखा। परिणाम स्वरूप लगभग 03 माह के अंदर ही उच्च न्यायालय ने रेलवे के दलीलों से संतुष्ट होकर रेलवे के पक्ष मे निर्णय सुनाते हुए अमलाई गुड्स शेड को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मान्य शर्तों के साथ फिर से चालू करने की अनुमति दे दी।
वरि.मंडल वाणिज्य प्रबंधक अनुराग कुमार सिंह ने मंगलवार को बताया कि हम उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं और इसे जनता के हित में एक महत्वपूर्ण कदम मानते हैं। इससे न केवल माल परिवहन में तेजी आएगी, बल्कि क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। गुड्स शेड के फिर से चालू होने से स्थानीय व्यापारियों और उद्योगपतियों को भारी राहत मिलेगी, जो अपने माल के तेज और सुगम परिवहन के लिए इस शेड पर निर्भर रहते थे। इस आदेश से कोयले के अलावा विद्युत, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम, फर्टिलाइजर, स्टील, कच्चा तेल एवं सीमेंट के उत्पादन एवं वितरण में अत्यधिक लाभ होने की संभावना हैं। इस प्रकार पावर, सुरक्षा जैसे आधारभूत तत्वों के न केवल संरक्षण बल्कि उत्पादन को भी सुनिश्चित किया जा सकेगा। यह कदम रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। रेलवे प्रशासन ने सुनिश्चित किया है कि गुड्स शेड के संचालन में किसी भी प्रकार की रुकावट या बाधा नहीं आएगी और सभी प्रक्रियाएं सुचारू रूप से चलेंगी।