Thursday, October 31, 2024
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विद्युत भंडारण के लिए पम्‍प्‍ड स्‍टोरेज परियोजनाओं को बढ़ावा देने एक नीति लाएगी केंद्र सरकार

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि समुचित ऊर्जा परिवर्तन पथ के संबंध में एक नीतिगत दस्‍तावेज तैयार किया जाएगा, जो रोजगार, विकास और पर्यावरण स्‍थायित्‍व की आवश्‍यकता के बीच संतुलन कायम करेगा।

संसद में आज  ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए मंत्री श्रीमती सीतारमण ने कहा कि यह उपलब्‍धता, पहुंच तथा किफायत के संदर्भ ऊर्जा सुरक्षा के साथ-साथ उच्‍च तथा अधिक संसाधन कुशल आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने के लिए सरकार की रणनीति का हिस्‍सा है।

केन्‍द्रीय मंत्री ने इस संदर्भ में निम्‍नलिखित उपायों की घोषणा की।

पम्प्ड स्टोरेज पॉलिसी

वित्‍त मंत्री ने कहा कि विद्युत भंडारण तथा समग्र ऊर्जा मिश्रण में इसकी परिवर्तनशील और विरामी प्रकृति के साथ अक्षय ऊर्जा के बढ़ते हिस्से के निर्बाध एकीकरण को सुविधाजनक बनाने के लिए पम्प्ड स्टोरेज परियोजनाओं को बढ़ावा देने की एक नीति लाई जाएगी।

जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में ऊर्जा परिवर्तन को महत्‍वपूर्ण बताते हुए वित्‍त मंत्री ने देश में सोलर सेल और पैनलों के निर्माण में काम आने वाली छूट प्राप्‍त पूंजीगत वस्‍तुओं की सूची को विस्‍तार देने की घोषणा की। इसके अलावा, सोलर ग्‍लास और टीन्‍ड कॉपर इंटरकनेक्‍ट के पर्याप्‍त घरेलू विनिर्माण क्षमता को देखते हुए बजट 2024-25 में उन पर लगने वाले सीमा शुल्‍क को बढ़ाने का प्रस्‍ताव नहीं किया गया है।   

लघु तथा मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों का अनुसंधान और विकास

परमाणु ऊर्जा के विकसित भारत के लिए ऊर्जा मिश्रण का अति महत्वपूर्ण हिस्सा होने की संभावना है। इस संबंध में, सरकार (1) भारत स्मॉल रिएक्टर की स्थापना, (2) भारत लघु मॉड्यूलर रिएक्टर के अनुसंधान और विकास तथा (3) परमाणु ऊर्जा के लिए नई प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान और विकास के लिए निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करेगी। अंतरिम बजट में घोषित अनुसंधान और विकास वित्तपोषण इस क्षेत्र को उपलब्ध कराया जाएगा।

उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट

वित्‍त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने कहा कि अत्यंत बेहतर कार्य क्षमता वाले उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल (एयूएससी) थर्मल पावर प्लांट के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास का कार्य पूरा हो गया है। उन्‍होंने बताया कि एनटीपीसी और बीएचईएल का एक संयुक्त उद्यम एयूएससी प्रौद्योगिकी का उपयोग करके परिपूर्ण 800 मेगावाट का वाणिज्यिक संयंत्र स्थापित करेगा और सरकार जरूरी राजकोषीय सहायता उपलब्ध कराएगी। उन्‍होंने कहा कि इन संयंत्रों के लिए उच्‍च श्रेणी वाले इस्‍पात तथा अन्‍य 15 उन्नत धातु सामग्री के उत्पादन के लिए स्वदेशी क्षमता के विकास से अर्थव्यवस्था के लिए दूरगामी लाभ प्राप्त होंगे।

हार्ड टू एबेट उद्योगों के लिए रोडमैप

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री ने यह भी बताया कि ‘हार्ड टू एबेट’ उद्योगों को ‘ऊर्जा दक्षता’ के लक्ष्य से ‘उत्सर्जन लक्ष्य’ की ओर ले जाने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि इन उद्योगों को वर्तमान के ‘परफॉर्म, एचीव एंड ट्रेड’ पद्धति से ‘इंडियन कार्बन मार्केट’ पद्धति में लाने के लिए उपयुक्त विनियम बनाए जाएंगे।

पारंपरिक सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को सहायता

केन्‍द्रीय वित्‍त मंत्री ने कहा कि तांबा और सेरामिक क्लस्टर सहित 60 क्लस्टरों में पारंपरिक सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों की निवेश-ग्रेड ऊर्जा लेखा-परीक्षा की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इन्हें स्वच्छ ऊर्जा में बदलने के लिए और ऊर्जा दक्षता उपायों को लागू करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्‍होंने कहा कि इस योजना को अगले चरण में 100 अन्य क्लस्टरों में दोहराया जाएगा।

पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना

अंतरिम बजट में की गई घोषणा के अनुरूप, एक करोड़ घरों को प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्राप्त करने में सक्षम बनाने हेतु रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने के लिए पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का शुभारंभ किया गया है। वित्‍त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने कहा कि इस योजना पर लोगों की प्रतिक्रिया काफी अच्छी रही है, जिसके अंतर्गत 1.28 करोड़ से अधिक पंजीकरण किए गए हैं और 14 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं और सरकार इसे आगे और प्रोत्साहित करेगी।

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