Friday, January 10, 2025
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भविष्य युद्ध में नहीं, बुद्ध में है: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ओडिशा के भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन किया। दुनिया के विभिन्न हिस्‍सों से आए सभी प्रतिनिधियों और प्रवासियों का स्वागत करते हुए पीएम मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में दुनिया भर में विभिन्न भारतीय प्रवासी कार्यक्रमों में यह उद्घाटन गीत बजाया जाएगा। प्रधानमंत्री ने ग्रैमी पुरस्कार विजेता कलाकार रिकी केज और उनकी टीम की शानदार प्रस्तुति के लिए उनकी सराहना की। इस गीत में भारतीय प्रवासियों की भावनाओं और संवेदनाओं को दर्शाया गया है।

एक वीडियो संदेश में उत्‍साहपूर्ण और स्नेह से भरे शब्दों के लिए मुख्य अतिथि, त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू को धन्यवाद देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह भारत की प्रगति के बारे में भी चर्चा कर रही थीं और उनके शब्दों ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों पर प्रभाव डाला। वर्तमान में भारत में जीवंत त्यौहारों और समारोहों को देखते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कुछ ही दिनों में प्रयागराज में महाकुंभ का शुभारंभ हो जाएगा और मकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल और माघ बिहु के त्यौहार भी आने वाले हैं।

उन्होंने कहा कि हर जगह प्रसन्‍नता का वातावरण है। वर्ष 1915 में इसी दिन महात्मा गांधीजी लंबे समय तक विदेश में प्रवास के बाद भारत लौटे थे, इसका स्‍मरण करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे अद्भुत समय में भारत में प्रवासी भारतीयों की उपस्थिति ने उत्सव की भावना को और बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) का यह संस्करण एक और कारण से विशेष है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के कुछ दिनों बाद आयोजित किया गया, जिनकी दूरदर्शिता प्रवासी भारतीय दिवस के लिए महत्वपूर्ण थी।

पीएम मोदी ने कहा कि ओडिशा की महान भूमि, जहां हम एकत्र हुए हैं, भारत की समृद्ध विरासत का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि ओडिशा में हर कदम पर हम अपनी विरासत देख सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उदयगिरि और खंडगिरि की ऐतिहासिक गुफाओं या कोणार्क के भव्य सूर्य मंदिर या ताम्रलिप्ति, माणिकपटना और पलुर के प्राचीन बंदरगाहों को देखने पर हर कोई गौरवान्वित महसूस करेगा। यह देखते हुए कि सैकड़ों वर्ष पूर्व, ओडिशा के व्यापारियों और सौदागरों ने बाली, सुमात्रा और जावा जैसे स्थानों पर लंबी समुद्री यात्राएं की थीं, प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भी ओडिशा में बाली यात्रा उसी की याद में मनाई जाती है।

उन्होंने कहा कि ओडिशा का एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल धौली शांति का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि सम्राट अशोक ने यहाँ शांति का मार्ग चुना था, जबकि दुनिया तलवार की ताकत से साम्राज्यों का विस्तार कर रही थी। पीएम मोदी ने आग्रह किया कि यह विरासत भारत को दुनिया को यह बताने के लिए प्रेरित करती है कि भविष्य बुद्ध में है, युद्ध में नहीं। इसलिए उन्होंने कहा कि ओडिशा की धरती पर सभी का स्वागत करना उनके लिए बहुत अहम है।

प्रधानमंत्री ने हमेशा प्रवासी भारतीयों को भारत का राजदूत माना है। प्रधानमंत्री ने दुनिया भर में रहने वाले भारतीयों से मिलकर और उनसे वार्तालाप करके अपनी प्रसन्‍नता व्‍यक्‍त की। उन्होंने कहा कि उनसे मिलने वाला प्यार और आशीर्वाद अविस्मरणीय है और हमेशा उनके साथ रहेगा। भारतीय प्रवासियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए तथा वैश्विक मंच पर उन्हें गर्व से सिर ऊंचा करने का अवसर प्रदान करने के लिए उन्हें धन्यवाद देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दशक में उन्होंने अनेक वैश्विक प्रमुखों से भेंट की, जिनमें से सभी ने भारतीय प्रवासियों की उनके सामाजिक मूल्यों तथा अपने-अपने समाजों में योगदान के लिए प्रशंसा की।

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