केंद्रीय विद्युत और आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के मंत्री मनोहर लाल ने आज मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) की सहायक कंपनी कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) के ‘ईवी एज़ ए सर्विस’ का शुभारंभ किया।
यह कार्यक्रम केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रालयों, विभागों, सीपीएसई और संस्थानों में इलेक्ट्रिक कारों को अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सीईएसएल का ‘ईवी एज़ ए सर्विस’ कार्यक्रम सरकारी क्षेत्र में ईवी की बढ़ती मांग को पूरा करता है। इसका महत्वाकांक्षी लक्ष्य अगले दो वर्षों में सरकारी कार्यलयों में 5,000 ई-कारों का उपयोग करना है। लचीले खरीद मॉडल द्वारा यह कार्यक्रम विभिन्न प्रकार की ई-कार मेक अथवा मॉडल के उपयोग की अनुमति देता है जो सरकारी कार्यालयों को अपनी परिचालन आवश्यकताओं के अनुरूप हो। यह न केवल सरकार की पर्यावरणीय धारणीयता के विज़न का समर्थन करता है बल्कि 2070 तक सकल शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के अनुरूप भी है।
सरकारी बेड़े में ईवी अपनाने को बढ़ावा देकर सीईएसएल कार्बन उत्सर्जन में कटौती, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने और भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। यह ध्यान देने योग्य है कि सीईएसएल ने पहले ही पूरे भारत में लगभग 2000 ई-कारें बेडे़ में शामिल की है और लगभग 17,000 ई-बसों को बेडे़ में शामिल करने में सहयोग कर रहा है।
इस अवसर पर, भारत सरकार के केंद्रीय विद्युत एवं आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के मंत्री मनोहर लाल ने कहा, ‘ईवी एज़ ए सर्विस’ कार्यक्रम सीईएसएल के सतत नवाचार के प्रति समर्पण का उदाहरण है और स्वच्छ गतिशीलता समाधानों की तत्काल आवश्यकता को पूरा करने की इसकी क्षमता को दर्शाता है। मैं न केवल परिवर्तन लाने के लिए बल्कि हरित परिवहन की दिशा में हमारे देश की यात्रा में एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए सीईएसएल की सराहना करता हूँ। इस तरह की पहलों के साथ, भारत एक ऐसे भविष्य के करीब पहुंच रहा है जहां स्वच्छ ऊर्जा आदर्श होगी, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए स्थायी प्रभाव उत्पन्न करेंगी।’
सीईएसएल के एमडी और सीईओ विशाल कपूर ने कहा, ‘ईवी एज़ ए सर्विस’ की शुरुआत हाल ही में पीएम ई-ड्राइव योजना की शुरुआत के बाद की गई है जो एक राष्ट्रीय पहल है जिसका उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को तेजी से बढ़ावा देना है।’ ‘सीईएसएल में भविष्य में इलेक्ट्रिक परिवहन साधनों का उपयोग होगा और सरकारी बेड़े में ईवी को अपनाने की सुविधा देकर हम बड़े पैमाने पर उत्सर्जन में कमी ला रहे हैं और भारत की ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ा रहे हैं। यह कार्यक्रम हितधारकों-निर्माताओं और बेड़े संचालकों से लेकर नीति निर्माताओं और उपयोगकर्ताओं तक- को जोड़ता है और विकास के लिए एक सहयोगी व्यवस्था का निर्माण करता है। सीईएसएल एक ऊर्जा-कुशल, कम कार्बन अर्थव्यवस्था वाले विज़न के लिए प्रतिबद्ध है और हम एक ऐसा बुनियादी ढांचा बनाकर इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं जो टिकाऊ गतिशीलता के लिए एक मानक होगा।’