नई दिल्ली (हि.स.)। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री फिलहाल हिंडन एयरबेस पर वायु सेना के गरुड़ कमांडो और नेशनल सिक्युरिटी गार्ड (एनएसजी) के कड़े पहरे में हैं। उनकी सुरक्षा के साथ-साथ भारत शेख हसीना को यूरोपीय देश में राजनीतिक शरण दिलाने में मदद कर रहा है। जल्दबाजी में बांग्लादेश से निकलते वक्त पूर्व पीएम के साथ भारत आई उनकी टीम भी दैनिक जरूरत का सामान नहीं ला पाई थी, इसलिए भारतीय अधिकारियों ने हसीना की टीम के सदस्यों को कपड़े और अन्य सामान खरीदने में मदद की है। भारत से लगी बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ की आशंका के चलते सेना के साथ बीएसएफ को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
बांग्लादेश में 05 अगस्त को अचानक बगावत होने के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना इस्तीफा देने के बाद अपनी बहन और टीम के साथ भारतीय वायु सेना के हिंडन एयरबेस पर शाम करीब 5:36 बजे अपने देश के सी-130जे हरक्युलिस विमान से उतरी थीं। उनका ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट बांग्लादेश लौट गया है लेकिन जल्दबाजी में भारत आए उनकी टीम के सदस्य अपने साथ कपड़े या कोई अन्य दैनिक उपयोग सामान नहीं ला सके थे। हसीना की टीम के सदस्यों को दिल्ली के सुरक्षित घरों में ले जाया गया है और भारतीय अधिकारियों ने उन्हें कपड़े और अन्य सामान खरीदने में मदद की है। एनएसए अजीत डोभाल लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं और उन्होंने हसीना के दिल्ली पहुंचते ही उनसे मुलाकात की थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को दिन में बांग्लादेश के मौजूदा हालात, वर्तमान में बांग्लादेश में भारतीयों और अल्पसंख्यकों की स्थिति और दो दिनों से हिंडन भारतीय वायुसेना अड्डे पर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बारे में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर से मुलाकात के बारे में जानकारी ली। शेख हसीना ने मंगलवार की आधी रात को भारत सरकार के एक शीर्ष अधिकारी के साथ दूसरे दौर की बैठक की। भारत हसीना को यूरोपीय देश में राजनीतिक शरण दिलाने में मदद कर रहा है। वायु सेना के हिंडन एयरबेस पर उनकी सुरक्षा के लिए भारत के एनएसजी और गरुड़ कमांडो तैनात किए गए हैं।
बांग्लादेश स्थित भारतीय उच्चायोग में कार्यरत भारतीय कर्मचारी और उनके परिवार के 190 सदस्य आज सुबह एक वाणिज्यिक उड़ान के जरिये ढाका से नई दिल्ली लौट आए हैं। बांग्लादेश की सेना ने ढाका से भारतीय सरकारी कर्मचारियों को निकालने में मदद की। उन्हें ढाका में सेना की छावनी के सुरक्षित क्षेत्र में रखा गया, फिर उन्हें सुरक्षा के बीच हवाई अड्डे पर ले जाया गया और फिर एयर इंडिया की विशेष वाणिज्यिक उड़ान से दिल्ली भेजा गया। ढाका में भारतीय उच्चायोग से गैर-आवश्यक कर्मचारियों और परिवारों की वापसी स्वैच्छिक आधार पर वाणिज्यिक उड़ान के माध्यम से हुई है। उच्चायोग में कार्यरत लगभग 20 से 30 वरिष्ठ भारतीय राजनयिक अब भी बांग्लादेश में हैं।