राफेल डील को लेकर अनिल अंबानी के रिलायंस समूह की कंपनियों ने कांग्रेस के स्वामित्व वाले समाचार पत्र नेशनल हेराल्ड के खिलाफ 5000 करोड़ रुपये की मानहानि का केस दायर किया है। इन कंपनियों ने कहा है कि समाचार पत्र ने राफेल विमान करार को लेकर फर्जी और अपमानजनक लेख प्रकाशित किए। इससे कंपनी की साख को धक्का लगा है और आम लोगों में कंपनी की छवि खराब हुई है। यह लेख रिलायंस समूह और चेयरमैन अनिल अंबानी की नकारात्मक छवि को प्रदर्शित करता है।
रिलायंस समूह की रिलायंस डिफेंस, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड, नेशनल हेराल्ड के पब्लिशर, एडिटर इंचार्ज जफर आगा और लेख के लेखक विश्वदीपक के खिलाफ दीवानी मानहानि का मुकदमा दायर कराया है। ये कंपनियां अनिल अंबानी के रिलायंस समूह का हिस्सा हैं। यह मुकदमा शुक्रवार को शहर की सिविल और सत्र न्यायाधीश पीजे तामकुवाला की अदालत में दर्ज कराया गया। कोर्ट ने मुकदमे में वादी बनाए गए लोगों को नोटिस जारी कर 7 सितंबर तक जवाब देने को कहा है। दायर मुकदमे में कंपनियों ने आरोप लगाया है कि मोदी के राफेल सौदे के एलान से 10 दिन पहले अनिल अंबानी ने बनाई रिलायंस डिफेंस शीर्षक नामक लेख झूठ और अपमानजनक है। समाचार पत्र के लेख से कंपनी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है, इसलिए 5000 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की जाए। इससे पहले रिलायंस समूह ने कई कांग्रेस नेताओं को कानूनी नोटिस भेजा था।