भारतीय रेलवे ने पहली बार शिकायत प्रबंधन प्रणाली को पूरी तरह डिजिटल बना दिया है। केंद्रीय रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने यात्रियों की शिकायतों के निवारण की प्रक्रिया को सुधारने एवं तेज करने के लिये ‘रेल मदद’ नाम से एक एप जारी किया है।
रेल मदद एप का विकास उत्तर रेलवे द्वारा किया गया है। यह एप यात्रियों की शिकायतों को दर्ज करेगा और उनकी शिकायतों के निवारण की स्थिति के बारे में उन्हें लगातार जानकारी मुहैया करायेगा। यात्री को पंजीकरण के बाद एसएमएस के जरिये शिकायत संख्या तुरंत उपलब्ध करायी जायेगी जिसके बाद रेलवे द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी एसएमएस द्वारा दी जाती रहेगी।
इसके पीछे की बैक-एण्ड प्रणाली आरपीजीआरएएम-रेलवे यात्री शिकायत निवारण एवं प्रबंधन प्रणाली विभिन्न स्रोतों से प्राप्त शिकायतों को एक जगह संग्रहीत करेगी, उनका विश्लेषण करेगी और प्रबंधन के लिये विभिन्न प्रकार की रिपोर्टें तैयार करेगी ताकि उच्च प्रबंधन प्रत्येक विभाग, डिविजन और फील्ड यूनिट के प्रदर्शन की विभिन्न स्तरों पर निगरानी कर सके। यह व्यवस्था प्रणालीगत खामियों और खराब प्रदर्शन वाले स्टेशनों एवं ट्रेनों में सुधार के लिये उनकी पहचान करेगी।
रेल मदद एप यात्रियों की शिकायतों को कम से कम जानकारी एवं फोटोग्राफ के साथ भी दर्ज करता है, शिकायत संख्या जारी करता है और तुरंत ही इस जानकारी को डिविजन के संबंधित फील्ड अधिकारियों को उपलब्ध करवाता है। इस मामले में कृत कार्यवाही से यात्री को भी अवगत कराता है, जिससे शिकायत के पंजीकरण एवं समाधान की पूरी प्रक्रिया को त्वरित बनाया जाता है। रेल मदद एप विभिन्न प्रकार की सहायता सेवाओं के नंबर भी प्रदर्शित करता है, जैसे सुरक्षा, बाल सहायता सेवा इत्यादि और साथ ही तत्काल सहायता के लिये एक सीधे विकल्प के तौर पर सीधे फोन की सुविधा भी प्रदान करता है।ये एप शिकायत दर्ज करने के सभी तरीकों जिसमें ऑनलाइन एवं ऑफलाइन तरीके शामिल हैं, को एक मंच पर जोड़ता है इसलिये प्रबंधन रिपोर्टें कमजोर एवं खामी वाले क्षेत्रों की एक समग्र तस्वीर प्रस्तुत करती हैं, जिससे कि संबंधित अधिकारी द्वारा ध्येयपरक सुधारात्मक कदम उठाये जा सकें।