आज गुरुवार को ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी है, इसे निर्जला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। एकादशी में भगवान विष्णु के निमित्त व्रत रखने और उनकी पूजा करने का विधान है। सभी एकादशियों में ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की इस निर्जला एकादशी का अपना एक विशेष महत्व है। निर्जला एकादशी में बिना पानी पिये व्रत करने का विधान है।
पौराणिक मान्यता है कि जो व्यक्ति साल की सभी एकादशियों पर व्रत नहीं कर सकता, वो निर्जला एकादशी के दिन व्रत करता है तो उसे सभी एकादशियों पुण्य प्राप्त होता है।
निर्जला एकादशी के दिन प्रात काल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु की पीले चंदन पीले फल फूल से पूजा करें और पीली मिठाई भगवान विष्णु को अर्पण करें। एक आसन पर बैठकर ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का 108 बार जाप करें। जाप के बाद गुलाब या आम के शरबत का भोग भगवान विष्णु को लगाएं और जरूरतमंद लोगों में बांटे। ऐसा करने से मन की इच्छा पूरी होगी और पारिवारिक कलह क्लेश खत्म होंगे।