Saturday, December 7, 2024
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वर्ष 2025 में दो बार आएगी पौष पुत्रदा एकादशी, जानें किस दिन रखा जाएगा सबसे बड़ी निर्जला एकादशी का व्रत

हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष में 24 एकादशियां आती हैं और हर एकादशी का अपना एक विशेष महत्व है। एकादशी के दिन उपवास रखकर विधि-विधान से भगवान श्रीहरि विष्णु एवं माता लक्ष्मी का पूजन-अर्चन करने से समस्त पापों का नाश होता है, धन-संपदा, सुख, आरोग्य और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

एकादशी का व्रत भगवान श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। सनातन मान्यता है कि एकादशी के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। एकादशी व्रत को जीवन के कष्टों को समाप्त करने और जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है। 

वर्ष 2025 के एकादशी व्रत

शुक्रवार 10 जनवरी 2025- पौष पुत्रदा एकादशी

शनिवार 25 जनवरी 2025- षटतिला एकादशी

शनिवार 08 फरवरी 2025- जया एकादशी

सोमवार 24 फरवरी 2025- विजया एकादशी

सोमवार 10 मार्च 2025- आमलकी एकादशी

मंगलवार 25 मार्च 2025- पापमोचनी एकादशी

मंगलवार 08 अप्रैल 2025- कामदा एकादशी

गुरुवार 24 अप्रैल 2025- वरुथिनी एकादशी

गुरुवार 08 मई 2025- मोहिनी एकादशी

शुक्रवार 23 मई 2025- अपरा एकादशी

शुक्रवार 06 जून 2025- निर्जला एकादशी

शनिवार 21 जून 2025- योगिनी एकादशी

रविवार 06 जुलाई 2025- देवशयनी एकादशी

सोमवार 21 जुलाई 2025- कामिका एकादशी

मंगलवार 05 अगस्त 2025- श्रावण पुत्रदा एकादशी

मंगलवार 19 अगस्त 2025- अजा एकादशी

बुधवार 03 सितंबर 2025- परिवर्तिनी एकादशी

बुधवार 17 सितंबर 2025- इंदिरा एकादशी

शुक्रवार 03 अक्टूबर 2025- पापांकुशा एकादशी

शुक्रवार 17 अक्टूबर 2025- रमा एकादशी

शनिवार 01 नवम्बर 2025- देवुत्थान एकादशी

शनिवार 15 नवम्बर 2025- उत्पन्ना एकादशी

सोमवार 01 दिसम्बर 2025- मोक्षदा एकादशी

सोमवार 15 दिसम्बर 2025- सफला एकादशी

मंगलवार 30 दिसम्बर 2025- पौष पुत्रदा एकादशी

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