इनकम टैक्स रिटर्न में गलत जानकारी भरकर दाखिल करना अब महंगा पड़ सकता है, क्योंकि आईटीआर में गलत जानकारी पकड़े जाने पर न सिर्फ जुर्माना लगेगा बल्कि जेल भी हो सकती है। आयकर विभाग ने वेतनभोगी कर्मचारियों को सतर्क करते हुए कहा है कि आईटीआर में सभी जानकारियां वास्तविक और सही दाखिल करें, आईटीआर में गलत जानकारी पाए जाने पर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।
आयकर विभाग ने एक दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि वेतनभोगी करदाताओं को आईटीआर दाखिल करते समय कम आय दिखाना या फिर छूट के दावों को बढ़ाने के लिए गैरकानूनी तरीके अपनाने से बचना चाहिए। यदि आईटीआर में किसी भी प्रकार की कोई गड़बडी पाई जाती है तो सख्त दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। आयकर विभाग ने नियोक्ता कंपनियों को भी ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए कहा है। केकेंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी) ने कहा है कि वेतनभोगी करदाता गलत कर सलाहकारों के चक्कर में न फंसें। आयकर विभाग की जांच शाखा ने जनवरी में एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया था जो कर्मचारियों को फर्जी तरीके से कर रिफंड हासिल करने में मदद करता है। ज्ञात रहे कि सीबीआई ने कुछ दिनों पूर्व ही इस मामले में आपराधिक मामला दर्ज किया है। आयकर विभाग ने कहा है कि कर्मचारी अपने सलाहकारों के गलत सलाह के आधार पर गलत दावे न करें। यदि ऐसा करते हुए पकड़े गए तो इसे कर चोरी माना जाएगा। आयकर विभाग ने कहा है कि ऐसा गैरकानूनी काम करने वाले सलाहकारों पर भी केस चलेगा।
आईटीआर में देरी पर 5 हज़ार फीस-
आयकर विभाग ने 50 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले कर्मियों के लिए आईटीआर-1 यानी सहज फॉर्म ई-रिटर्न फाइलिंग पोर्टल पर 17 अप्रैल से उपलब्ध करा दिया है। आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है। आयकर विभाग ने इस वर्ष से 31 जुलाई के बाद रिटर्न दाखिल करने वाले वेतनभोगी कर्मचारियों से 5 हज़ार रुपये फीस वसूलने का निर्णय लिया है।