प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज झारखंड की राजधानी रांची से दुनिया की सबसे बड़ी चिकित्सा योजना आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का शुभारंभ किया। वहीं लखनऊ में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस योजना का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने की। इस मौके पर प्रदेश सरकार के मंत्री बृजेश पाठक, आशुतोष टंडन और महेंद्र सिंह विशेष रूप से मौजूद रहे।
गृहमंत्री ने कहा कि अब तक की सबसे बड़ी इस स्वास्थ्य योजना का फायदा दस करोड़ से ज्यादा गरीब परिवारों को होगा। योजना के तहत प्रति परिवार को 5 लाख रुपये की सालाना स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराई जाएगी। उन्होने कहा कि एक तरीके से 50 करोड़ से भी ज्यादा लोगों को इस योजना का फायदा पहुंचेगा। उत्तर प्रदेश में 1 करोड़ 18 लाख परिवारों को इस योजना के दायरे में लिया गया है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि साढ़े तेरह सौ प्रकार के मेडिकल पैकेजों को शामिल किया गया है। उन्होने कहा कि इसमें सर्जरी, डे केयर, दवा और जांच सभी शामिल हैं। गृहमंत्री ने कहा कि यह एक व्यापक योजना है जिसमें स्वास्थ्य के साथ ही साथ आरोग्य को भी शामिल किया गया है। सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी क्षेत्र के नामित अस्पतालों से भी इस योजना के तहत इलाज कराया जा सकेगा।
आयुष्मान भारत को गरीबों के लिए मोदी कवच बताते हुए गृहमंत्री ने कहा कि देश भर में 3 लाख से भी ज्यादा केन्द्रों को इससे जोड़ा जाएगा। इसके अलावा आयुष मित्रों की तैनाती की जाएगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत स्वास्थ्य के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा। उन्होने कहा कि पुरानी और नई सभी बीमारियों को इसमें शामिल किया गया है और यह योजना पेपरलेस तथा कैशलेस होगी। गृहमंत्री ने कहा कि सरकार की मंशा है कि देश के सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 2.5 फीसद स्वास्थ्य पर खर्च हो। राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से गरीबों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और समाज में समानता आएगी। इस मौके पर गृहमंत्री ने चुनिंदा लाभार्थियों को आयुष्मान भारत ई-कार्ड भी दिए।