भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलने वाले क्रिकेटर प्रवीण कुमार ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी फार्मेट से संन्यास ले लिया है। उन्होंने ट्वीट कर इसकी औपचारिक घोषणा की। प्रवीण कुमार पिछले कई समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे थे। गेंदाबाजी में पेस ज्यादा तेज ने होने के बाद भी प्रवीण कुमार ने अपनी स्विंग क्षमताओं की वजह से टीम इंडिया में जगह बनाई और कई मौकों पर नियमित गेंदबाजों के चोटिल होने के बाद मौका मिलने पर खुद को साबित भी किया।
प्रवीण कुमार को टीम इंडिया के साल 2011 के इंग्लैंड दौरे के लिए याद किया जाता है, जहां वे बेस्ट गेंदबाज रहे। उनका नाम लॉर्ड्स के ऑनर बोर्ड में लिखा गया है। इसके अलावा कुमार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2007-08 की सीबी सीरीज के लिए शानदार प्रदर्शन किया था, जिसमें उन्होंने शानदार गेंदबाजी कर टीम इंडिया को मैच जिताए थे।
प्रवीण अब गेंदबाजी के कोच बनने की ख्वाहिश रखते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रवीण कुमार ने कहा है कि मुझे कोई मलाल नहीं है। दिल से खेला, दिल से गेंदबाजी डाली, उत्तर प्रदेश में अब काफी नए बढ़िया गेंदबाज आ रहे हैं। मैं उनके करियर को प्रभावित करना नहीं चाहता। मैं खेलूंगा तो एक जगह जाएगी। अहम यह है कि आगे के लिए और दूसरे गेंदबाजों के बारे में भी सोचना चाहिए। मेरा समय पूरा हो गया है और स्वीकार करता हूं। मैं खुश हूं और भगवान को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे मौके दिए। प्रवीण कुमार ने भारत के लिए 68 एकदिवसीय और 6 टेस्ट मैच खेले, जिसमें 77 वनडे और 27 टेस्ट विकेट लिए। उन्हें विश्वकप 2011 की टीम में भी चुना गया था, लेकिन चोट के कारण उन्हें बाहर होना पड़ा। भारत के लिए प्रवीण कुमार ने आखिरी मैच 30 मार्च 2012 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला। ये टी-20 मैच था।