केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज राज्य सभा में एक तारांकित प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि नई परीक्षा नीति का मसौदा आम जनता के सुझावों के लिए रखा गया है, जिसमें शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हुए सभी हितधारक अपने अमूल्य सुझाव दे रहे हैं। नई परीक्षा नीति के मसौदे को फिलहाल 30 जून तक के लिए खोला गया था, जिसे एक महीना आगे बढ़ाकर इसे 31 जुलाई तक आम जनता के सुझावों के लिए खोला जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब तक नई परीक्षा नीति के मसौदे पर लगभग 50 हजार सुझाव मंत्रालय को प्राप्त हो चुके हैं। ये सुझाव आम जनता, शिक्षकों, शिक्षाविदों, छात्रों, अभिभावकों एवं समाज के सभी सुधीजनों से प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि सुझाव प्राप्त करने की समय सीमा को बढ़ाने का निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि सुझाव देने में लोग बढ़ चढ़ कर भाग ले रहे हैं और मंत्रालय को बहुत महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हो रहे हैं और मंत्रालय को बहुत महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हो रहे हैं। डॉ निशंक ने कहा कि शिक्षा नीति पर हो रही इस सार्थक चर्चा को हम और आगे बढ़ना चाहते हैं, इसलिए हम चाहते हैं कि जो लोग अभी तक अपनी राय इस विषय पर नहीं दे पाए हैं, वो भी इस प्रक्रिया का हिस्सा बने जिससे देश को एक मजबूत एवं सुदृढ़ शिक्षा नीति मिले।
डॉ के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में बनी समिति ने 31 मई को नई शिक्षा नीति का प्रारूप मंत्रालय को सौंपा था, जिसे 1 जून से 30 जून तक 1 माह के लिए आम जनता, शिक्षकों, शिक्षाविदों, चिंतकों, छात्रों एवं सभी हितधारकों के सुझावों के लिए खोला गया था।