उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने कहा है कि प्रत्येक नागरिक को कर अदायगी को अपना पावन कर्तव्य समझाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार को पर्याप्त राजस्व प्राप्त नहीं होगा,तो विकास तथा कल्याणकारी योजनाओं को नुकसान पहुंचेगा। वे आज वित्त, विपणन और कराधान के क्षेत्र में मौजूदा चुनौतियां विषय पर हैदराबाद में केशव मेमोरियल कॉलेज में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मोहम्मद महमूद और अन्य गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि कर चोरी के मामलों में कड़ाई बरतनी चाहिए, लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि सरकारी कर्मचारी करदाताओं का अनावश्यक शोषण ना करें। उन्होंने कहा कि शासन में पारदर्शिता से जिम्मेदारी तय होगी और सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर का लागू होना स्वतंत्रता के बाद सबसे बड़ा कर सुधार है और अब भारत ‘एक देश एक बाजार’ है। उन्होंने कहा कि जीएसटी ने देश में अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के स्वरूप को बदला है और अब राज्य सरकारों तथा केन्द्र सरकार द्वारा लगाए जाने वाले कई करों की जगह एकल कर ने ले ली है।