प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों के 4 बैंकों में विलय के व्यापक एकीकरण को मंजूरी दे दी है, इस विलय में शामिल हैं।
इसके तहत ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का पंजाब नेशनल बैंक में विलय होगा। इसके अलावा सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में विलय, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में विलय तथा इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय होगा।
यह विलय 01 अप्रैल से प्रभावी होगा और इसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक क्षेत्र के 7 बड़े बैंकों का व्यापक स्तर पर सृजन होने के अलावा प्रत्येक व्यापक एकीकरण में 80 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार के साथ-साथ इसकी राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच होगी। व्यापक स्तर पर हुए इस एकीकरण से बैंकों को न सिर्फ वैश्विक बैंकों के साथ तुलनात्मक क्षेत्र में अपितु भारत और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रभावी रूप से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाने में मदद मिलेगी। इस एकीकरण के माध्यम से बड़े पैमाने पर लागत लाभ को सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारतीय बैंकिंग प्रणाली में अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता और सकारात्मक प्रभाव का विस्तार करने में सक्षम बनेंगे।
इसके अतिरिक्त इस एकीकरण से इन बैंकों में बड़े स्तर के ऋणों में सहायता के साथ-साथ व्यापक वित्तीय क्षमता के द्वारा प्रतिस्पर्धात्मक कार्य संचालनों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। सभी एकीकृत बैंकों में सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को अपनाने से बैंकों में उनकी लागत कुशलता और जोखिम प्रबंधन में सुधार होगा एवं व्यापक पहुंच के माध्यम से वित्तीय समावेशन के लक्ष्य में भी वृद्धि होगी। सभी एकीकृत बैंकों में उन्नत तकनीकियों को अपनाने से न सिर्फ व्यापक योग्य समूह और एक बड़े डाटा बेस तक पहुंच होगी, अपितु सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक तेजी से डिजिटल होते बैंकिंग परिदृश्य में विश्लेषणात्मक कार्य क्षमता के द्वारा प्रतिस्पर्धा का लाभ लेने की स्थिति में होंगे।