राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2018 के लिये महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने प्रविष्टियां आमंत्रित की हैं। भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाने वाला यह राष्ट्रीय सम्मान नवोन्मेष, विशिष्टकार्यसम्पादन, खेल, कला एवं संस्कृति, समाज सेवा एवं बहादुरी के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियां अर्जित करने वाले बच्चों को दिया जाता है। आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि अब 30 सितम्बर 2018 है।
पुरस्कारों के बारे में बताते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय बाल पुरस्कार हमारे बच्चों एवं उन लोगों की असाधारण उपलब्धियों का सम्मान करने का प्रमुख मंच है, जो बच्चों के कल्याण, विकास एवं सुरक्षा के लिये इस रूप में प्रयासरत हैं कि जिससे अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिले। इन पुरस्कारों के माध्यम से सरकार हमारे बच्चों का विकास सुनिश्चित करने के प्रति एवं उनकी प्रतिभा एवं सामाजिक उत्तदायित्व के प्रति अपनी वचनबद्धता को दोहराती है।
राष्ट्रीय बाल पुरस्कार एवं राष्ट्रीय बाल कल्याण पुरस्कार की श्रेणियों में आवेदन पत्र आमंत्रित किये जाते हैं। राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रतिभागी एक मेडल, 1 लाख रुपये नकद, 10 हज़ार रुपये के बुक बाउचर, एक प्रमाणपत्र एवं प्रशस्ति पत्र प्राप्त करते हैं। राष्ट्रीय बाल कल्याण पुरस्कार उन लोगों एवं संस्थानों के कार्य को मान्यता प्रदान करता है जिन्होंने बाल विकास, सुरक्षा एवं कल्याण में बच्चों की सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया हो। इस पुरस्कार को प्राप्त करने वालों को 1 लाख रुपये नकद एवं एक प्रमाणपत्र व प्रशस्ति पत्र प्रदान किये जाते हैं।
प्रतीक चिह्न बनाने की प्रतियोगिता शुरु-
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पुरस्कारों के लिये प्रतीक चिह्न प्रतियोगिता की शुरुआत भी की है। इस प्रतियोगिता के बारे में जानकारी मंत्रालय के फेसबुक एवं ट्विटर खातों (@MinistryWCD) पर उपलब्ध है। प्रतियोगिता के लिये अपनी प्रविष्टियां जमा करने की अंतिम तिथि 23 सितम्बर 2018 है।