भारतीय रेल कुशलता में सुधार और व्यापार करने की आसानी को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न पहलों को लागू कर रही है। इन पहलों पर सूचना प्रसार के संबंध में और विक्रेताओं के साथ खुली बातचीत करने के लिए रेल मंत्रालय ने आपूर्तिकर्ता संवाद का आयोजन किया था। आपूर्तिकर्ता संवाद डिजिटलीकरण, पारदर्शिता और व्यापार करने में आसानी के संबंध में था। इसके तहत विक्रेताओं के साथ उपरोक्त क्षेत्रों के बारे में चर्चा की गई, ताकि भावी चुनौतियों का सामना करने के लिए योजना और रणनीति बनाई जाए। यह आयोजन राइट्स लिमिटेड और एसोचैम के सहयोग से किया गया। इस अवसर पर रेल एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने पारदर्शिता में सुधार के लिए डिजिटल रसीद नोट, रसीद चालान और डिजिटल बिल प्रस्तुति की शुरूआत की।
रेल और संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा ने सप्लायर्स संवाद का उद्घाटन किया। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी, रेलवे बोर्ड के अन्य सदस्य, रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी और एसोचैम के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। यह संवाद साझेदारों को नए विचारों, मुद्दों, चुनौतियों, अवसरों और चिंताओं के बारे में खुले दिमाग से चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगा। विभिन्न संभावनाओं, अनुभवों और जानकारियों के आदान-प्रदान से अवसरों के प्रभावी इस्तेमाल से जुड़े मुद्दों के बारे में बेहतर समझ और लाभकारी समाधान के लिए चुनौतियों पर प्रभावी प्रतिक्रिया प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
इस संवाद से प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया के उस स्वप्न को साकार करने में मदद मिलेगी, जहां सूचना तक पहुंच में कोई बाधा नहीं है भारतीय रेलवे की आपूर्ति श्रृंखला एकल ऑनलाइन वेब आधारित मंच के जरिए नियंत्रित है, जो निम्न का प्रबंध करती है-
* 100% वार्षिक ई-टेंडरों के जरिए ₹ 50,000 करोड़ की खरीद
* 100% वार्षिक ई-टेंडरों के जरिए ₹ 3,000 करोड़ की नीलामी बिक्री
* 5 लाख से अधिक वार्षिक ई-टेंडर
* 76,000 से अधिक पंजीकृत विक्रमा
* रद्दी सामग्री की बिक्री के लिए 3,000 से अधिक पंजीकृत बोलीकर्ता