भारतीय सेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज एम 777 ए2 अल्ट्रा लाइट होवित्जर तथा के-9 वज्र तोप और 6X6 फील्ड काम्पैक्ट गन ट्रैक्टर राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर नासिक के देवलाली स्थित फील्ड फायरिंग रेंज में विशेष समारोह का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर रक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष राव भामरे, थल सेना प्रमुख बिपिन रावत, भारतीय सेना और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, रक्षा उपकरण उद्योग के प्रतिनिधि तथा अमरीका और दक्षिण कोरिया सरकार के गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
155 एमएम वाली अत्याधिक हल्की हॉविजर तोपें भारत और अमरीका के बीच हुए रक्षा खरीद समझौते के तहत प्राप्त की गई हैं। इन्हें बीएई प्रणाली के तहत महिन्द्रा डिफेंस कंपनी के सहयोग से देश में एसेम्बल किया जाएगा। इन तोपों की सबसे बड़ी खासियत इनका बेहद हल्का होना है, जिससे इन्हें किसी भी तरह की भौगोलिक स्थितियों में आसानी से इधर-उधर ले जाया जा सकता है।
155एमएम/52 कैलिबर की 10 के-9 वज्र तोपों की पहली खेप दक्षिण कोरिया की हनवाटेक्विन कंपनी से अर्ध विकसित स्थिति में आयात की गई हैं। इन्हें देश में एलएंडटी कंपनी के सहयोग से विकसित किया जाएगा। बाकी 90 तोपें दक्षिण कोरिया के तकनीकी सहयोग से देश में ही बनाई जाएंगी। इनके भारतीय तोपखाने में शामिल होने से सेना की मारक क्षमता में इजाफा होगा। इन तोपों के साथ ही स्वदेशी तकनीक से विकसित 6X6 फील्ड कैम्पैक्ट गन ट्रैक्टर को भी आज तोपखाने में विधिवत शामिल किया गया। ये ट्रैक्टर अशोका लिलैंड कंपनी ने बनाए हैं। ये ट्रैक्टर समय के साथ पुराने पड़ चुके आर्टिलरी गन टोइंग व्हिकल का स्थान लेंगे। इन उपकरणों को तोपखाने में शामिल किए जाने के अवसर पर सेना की विभिन्न तोपों और अन्य युद्धक प्रणालियों ने अपनी मारक क्षमता का भव्य प्रदर्शन किया।