भारत सरकार और अरुणाचल प्रदेश सरकार के संयुक्त प्रयास से आज 22 अप्रैल, 2023 को संचार, रेलवे और इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिजीजू, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, संचार राज्य मंत्री देवूसिंह चौहान और अरुणाचल के उप-मुख्यमंत्री चाउना मीन के साथ केंद्र और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में 254, 4जी मोबाइल टॉवर राष्ट्र को समर्पित किये गये। टावर 336 गांवों को कवर करेंगे और अरुणाचल प्रदेश के हजारों लोगों संचार सुविधाओं को लाभान्वित करेंगे। इससे क्षेत्र के निवासियों को हाई-स्पीड नेटवर्क कनेक्टिविटी तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी और शिक्षा, स्वास्थ्य, ई-कॉमर्स एवं कृषि जैसे क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए विभिन्न डिजिटल सेवाएं उपलब्ध होंगी।
भारत नेट योजना के तहत 1,310 से अधिक ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया है और डिजिटल समावेशन के लिए 1,156 से अधिक टावरों की योजना बनाई गई है। 5जी सेवाओं की हाल ही में ईटानगर में शुरुआत की गयी और इस सेवा का अन्य क्षेत्रों में विस्तार किया जाएगा। वर्चुअली जुड़े निचली दिबांग घाटी के लाभार्थियों में से एक ने इस टेलीकॉम कनेक्टिविटी पर खुशी जाहिर की। अरुणाचल प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री चाउना मीन ने पिछले आठ वर्षों में राज्य को रेलवे, सड़क और दूरसंचार के माध्यम से समग्र रूप से जोड़ने के लिए भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की।
संचार राज्य मंत्री देवूसिंह चौहान ने सभी चुनौतियों पर पार पाते हुए ईटानगर में राष्ट्रीय डाक हब के निर्माण और राज्य में डाक संपर्क लाने के लिए की गयी विभिन्न पहलों का भी उल्लेख करते हुए इन सभी प्रयासों की सराहना की। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने आज के दिन को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से अरुणाचल प्रदेश में ढांचागत परिवर्तन हुआ है और इसके परिणामस्वरूप परिवर्तन हुआ है। डिजिटल समावेशन और ई-गवर्नेंस ने भ्रष्टाचार को दूर करने में मदद की है। उन्होंने यह भी कहा कि 100 फीसदी ई-ऑफिस का उपयोग किया जा रहा है और अरुणाचल प्रदेश विधानसभा ने ई-विधान परियोजना को लागू किया है। उन्होंने कहा, समय से पहले शेष साइटों को पूरा करने के लिए पूरे समन्वय के साथ सभी प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने एक और एक को 11 के मॉडल के रूप में देखा जाना चाहिए एक और एक को दो के मॉडल पर नहीं। अरुणाचल प्रदेश को न केवल उगते सूरज की भूमि बल्कि उगते हुए विकास की भूमि भी कहा जाता है।
केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सभी परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के संयुक्त प्रयासों की आवश्यकता है। शेष 1,156 4जी टावरों के लिए यूएसओएफ के तहत योजना बनाई गई है और स्थानों की पहचान पहले ही की जा चुकी है। एक अन्य योजना के हिस्से के रूप में, यानी 4जी सेचुरेशन स्कीम 2,424, 4जी साइट बनायी जानी हैं, जिनमें अधिक कनेक्टिविटी लाने के लिए ओएफसी के माध्यम से 270 साइट, माइक्रोवेव के माध्यम से 1,237 साइट और वीसेट के माध्यम से 917 साइट शामिल हैं। इसके अलावा, बेहतर कनेक्टिविटी के लिए उपग्रह संचार का भी उपयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा, वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम और फ्रंटियर हाईवे से व्यापक विकास होगा और नागरिकों के जीवन में बदलाव आयेगा। उन्होंने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की और आग्रह किया कि मिशन मोड में काम किया जाना चाहिए जिससे मार्च, 2024 तक कोई भी गाँव संपर्कहीन न रहने पाये। उन्होंने कहा कि 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में सीमावर्ती क्षेत्रों का प्रमुख योगदान होगा।
संचार, रेलवे और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने संबोधन में कहा कि दुर्गम इलाकों में इन टावरों की स्थापना, व्यावहारिक कठिनाइयां और सबका प्रयास का स्पष्ट उदाहरण हैं। उन्होंने कहा, संचार से सभी के लिए अवसर उत्पन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड के समय में अन्य देशों में लाभार्थियों को लाभ प्रदान करना कितना मुश्किल था, लेकिन भारत में यूपीआई, आधार, टेलीकॉम नेटवर्क इन्फ्रास्ट्रक्चर विस्तार और अन्य सभी सेवाओं का प्रभावी उपयोग करके डिजिटल रूप से और एक क्लिक से माध्यम से जरूरतमंदों को लाभ पहुंचाया गया। उन्होंने तवांग में 12600 फुट की ऊंचाई पर एक टॉवर की स्थापना का उदाहरण देते हुए कहा कि आखिरकार चुनौतियों पर पार पा लिया गया। भारत सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के मूल मंत्र के अनुसार अरुणाचल प्रदेश के प्रत्येक दूरदराज के गांव और प्रत्येक व्यक्ति को विश्व स्तरीय कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए अनवरत रूप से कार्य कर रही है।