Tuesday, November 26, 2024
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इतिहास के पन्नों में 28 फरवरीः विज्ञान के लिए ‘रमन प्रभाव’ बड़ा उपहार

देश-दुनिया के इतिहास में 28 फरवरी की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। इस तारीख ने विज्ञान को ‘रमन प्रभाव’ के रूप में बड़ा उपहार दिया है। 28 फरवरी को देश में इस उपलब्धि के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। इस साल विज्ञान दिवस की थीम है-‘सतत भविष्य के लिए विज्ञान।’ यह दिवस मशहूर भौतिक विज्ञानी चंद्रशेखर वेंकट रमन को समर्पित है। उन्होंने 28 फरवरी,1928 को ‘रमन प्रभाव’ की खोज की थी। उन्हें इस महत्वपूर्ण खोज के लिए साल 1930 में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। उनकी यह खोज आज भी दुनिया भर की लैब्स में इस्तेमाल की जाती है। राष्ट्रीय विज्ञान और तकनीकी संचार परिषद ने साल 1986 में भारत सरकार से 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस घोषित करने का आग्रह किया था। सरकार से अनुमति मिलने के बाद 1987 में पहली बार राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया।

इसे कहते हैं रमन प्रभावः रमन प्रभाव बताता है कि जब प्रकाश किसी पारदर्शी पदार्थ से गुजरता है तो उस दौरान प्रकाश की तरंग दैर्ध्य (वेवलेंथ) में बदलाव दिखता है। यानी जब प्रकाश की एक तरंग एक द्रव्य से निकलती है तो इस प्रकाश तरंग का कुछ भाग एक ऐसी दिशा में फैल जाता है जो कि आने वाली प्रकाश तरंग की दिशा से अलग है।

ऐसे हुई रमन प्रभाव की खोजः सीवी रमन साल 1921 में जहाज से ब्रिटेन जा रहे थे। जहाज की डेक से उन्होंने पानी के सुंदर नीले रंग को देखा। इसके बाद उनके मन में ये सवाल उठा कि आसमान और पानी का रंग नीला क्यों होता है। उसी साल वे भारत वापस आने लगे तो अपने साथ कुछ उपकरण भी लाए। रमन ने उपकरणों के जरिए समुद्र और आकाश पर रिसर्च की। उन्होंने पाया कि समुद्र भी सूर्य के प्रकाश को विभाजित करता है, जिससे समुद्र के पानी का रंग नीला दिखाई देता है। अपनी लैब में वापस आकर रमन और उनके छात्रों ने प्रकाश के बिखरने और कई रंगों में बंटने की प्रकृति पर शोध किया। उन्होंने ठोस, द्रव्य और गैस में प्रकाश के विभाजन पर शोध जारी रखी। इस शोध के परिणाम को ही रमन प्रभाव कहते हैं।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र

1953: जेम्स डी वॉटसन और फ्रांसिस क्रिक ने डीएनए के केमिकल स्ट्रक्चर की खोज की। इस खोज के लिए उन्हें सन 1962 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

1986ः स्वीडन के प्रधानमंत्री ओलोफ पाल्मे की स्टॉकहोम में हत्या।

1987ः भारत में पहला राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया। सरकार ने 1928 में सर सीवी रमन के ‘रमन प्रभाव’ की खोज की वर्षगांठ को मनाने के लिए 1986 में राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद की सिफारिश पर इस तारीख को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस घोषित किया था।

1991ः खाड़ी में युद्ध विराम लागू।

1992ः भारत एवं ब्रिटेन के बीच आतंकवाद के विरुद्ध सहयोग के समझौते पर हस्ताक्षर।

1994ः अफ्रीका ने नामीबिया को पोर्ट एन्क्लेव बालिस बे सुपुर्द किया।

1996ः क्लिंटन प्रशासन ने पाकिस्तान को 35.6 करोड़ डॉलर के हथियार आपूर्ति न करने का फैसला किया।

1999ः कोलीन प्रेसकोट एवं एंडी एल्सन (ब्रिटेन) ने 233 घंटे 55 मिनट तक गुब्बारे की मदद से आकाश में रहने का विश्व रिकार्ड बनाया।

2003ः नामीबिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सैम नुजोमा भारत की चार दिवसीय राजकीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे।

2003ः भारत की स्थायी सदस्यता वाला विधेयक अमेरिकी संसद में पेश।

2005ः मिलियन डालर बेबी को चार आस्कर पुरस्कार।

2006ः फिलीपींस में आपातकाल लागू करने का मामला न्यायालय पहुंचा।

2008ः नेपाल में सरकार और संयुक्त मधेशी लोकतांत्रिक मोर्चा के बीच शांति समझौता।

जन्म

1913ः हिन्दी के प्रसिद्ध कवि और लेखक पंडित नरेंद्र शर्मा।

1927ः भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति कृष्णकान्त।

1944ः भारतीय हिन्दी सिनेमा के प्रसिद्ध संगीतकार रवीन्द्र जैन।

1947ः उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा।

1947ः मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह।

निधन

1884ः भारतीय क्रांतिकारी वीर सुरेंद्र साई।

1936ः प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पत्नी कमला नेहरू।

1963ः भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद।

1989ः भारतीय योग गुरु और वैद्य तिरुमलाई कृष्णामाचार्य।

2018ः कामकोटि पीठ कांचीपुरम के शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती।

दिवस

-राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (रमन प्रभाव खोज दिवस)।

-डॉ. राजेंद्र प्रसाद की पुण्यतिथि।

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