कोरोना संकट से जूझ रहे देश के लिए आर्थिक मोर्चे पर अच्छी खबर है।जुलाई में सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 1,16,393 करोड़ रुपये रहा जिसमें सीजीएसटी 22,197 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 28,541 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 57,864 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर संग्रहीत 27,900 करोड़ रुपये सहित) और उपकर (सेस) 7,790 करोड़ रुपये (वस्तुओं के आयात पर संग्रहीत 815 करोड़ रुपये सहित) शामिल हैं। उपरोक्त आंकड़ों में 1 जुलाई 2021 से 31 जुलाई 2021 के बीच दाखिल जीएसटीआर-3बी रिटर्न से प्राप्त जीएसटी संग्रह के साथ-साथ आईजीएसटी और उस अवधि के लिए आयात से प्राप्त उपकर शामिल हैं।
1 जुलाई से 5 जुलाई 2021 के बीच दाखिल 4,937 करोड़ रुपये के रिटर्न के लिए जीएसटी संग्रह को भी जून 2021 के प्रेस नोट में जीएसटी संग्रह में शामिल किया गया था, क्योंकि करदाताओं को छूट-कमी के रूप में विभिन्न राहत प्रदान किए गए थे। कोविड वैश्विक महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर 5 करोड़ रुपये तक के कुल कारोबार वाले करदाताओं को जून 2021 महीने के लिए 15 दिनों की देरी से रिटर्न दाखिल करने के मामले में ब्याज पर छूट दी गई थी।
सरकार ने नियमित निपटान के रूप में आईजीएसटी से सीजीएसटी के लिए 28,087 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 24,100 करोड़ रुपये का निपटान किया है। जुलाई 2021 में नियमित निपटान के बाद केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा अर्जित कुल राजस्व सीजीएसटी के लिए 50,284 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 52,641 करोड़ रुपये है।
जुलाई 2021 महीने के लिए राजस्व संग्रह पिछले साल के इसी महीने में संग्रहीत हुए जीएसटी राजस्व के मुकाबले 33 प्रतिशत अधिक है। महीने के दौरान वस्तुओं के आयात से प्राप्त राजस्व 36 प्रतिशत अधिक रहा। जबकि घरेलू लेन-देन (सेवाओं के आयात सहित) से प्राप्त राजस्व पिछले साल के इसी महीने के दौरान इन स्रोतों से हासिल किए गए राजस्व के मुकाबले 32 प्रतिशत अधिक रहा।
जीएसटी संग्रह लगातार आठ महीने तक 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहने के बाद जून 2021 में घटकर 1 लाख करोड़ रुपये के स्तर से नीचे आ गया था। जून 2021 महीने के दौरान संग्रह काफी हद तक मई 2021 से संबंधित था और मई 2021 के दौरान अधिकतर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश कोविड की दूसरी लहर के कारण पूर्ण अथवा आंशिक लॉकडाउन से जूझ रहे थे।
कोविड संबंधी पाबंदियों में ढील के साथ ही जुलाई 2021 के लिए जीएसटी संग्रह फिर से 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है। आने वाले महीनों में भी जीएसटी राजस्व संग्रह दमदार बने रहने की संभावना है।