प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को बढ़ावा देने के लिए संचार मंत्रालय ने दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए पीएलआई योजना के तहत 28 एमएसएमई सहित 42 कंपनियों को मंजूरी दी है। इसमें से 17 कंपनियों ने डिजाइन आधारित विनिर्माण मानदंड के तहत एक प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन के लिए आवेदन किया है। इन 42 कंपनियों ने 4,115 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। इससे 2.45 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त बिक्री होने की उम्मीद है और इसी योजना अवधि के दौरान 44,000 से अधिक अतिरिक्त रोजगारों का सृजन भी होगा।
एक मजबूत घरेलू मूल्य श्रृंखला का निर्माण करने के लिए, वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए डिजाइन के नेतृत्व वाली पीएलआई योजना की घोषणा की गई है। इसने भारत में डिजाइन और निर्मित उत्पादों के लिए मौजूदा प्रोत्साहनों के अलावा एक प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन भी प्रदान किया है। डिजाइन के नेतृत्व वाली पीएलआई योजना जून 2022 में शुरू की गई थी और 1 अप्रैल 2022 से शुरू होने वाले पांच वर्ष के लिए पीएलआई योजना के तहत प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए डिजाइन के नेतृत्व वाले निर्माताओं के साथ-साथ अन्य लोगों से भी आवेदन आमंत्रित किए गए थे।
दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए पीएलआई योजना के तहत मौजूदा कंपनियों को अधिक से अधिक उत्पादों को जोड़ने और डिजाइन आधारित पीएलआई योजना के तहत आवेदन करने की अनुमति दी गई थी। उन्हें अपनी 5 साल की पीएलआई योजना की अवधि को एक साल आगे बढ़ाने का लाभ भी दिया गया था। 22 कंपनियों ने अपने पहले वर्ष को स्थानांतरित करने के इस अवसर का लाभ उठाया, जिसमें ऐसी 13 कंपनियां भी शामिल हैं जिन्होंने नए आवेदकों के रूप में आवेदन किया है।
दूरसंचार उपकरणों में विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए ठोस कदमों के लिए घरेलू और वैश्विक निर्माताओं से प्राप्त उत्साहजनक प्रतिक्रिया सरकार की पहल में उनके मजबूत विश्वास को दर्शाती है। भारत दूरसंचार और नेटवर्किंग उपकरणों के लिए डिजाइन और विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरने के मार्ग पर अग्रसर है।