आयकर विभाग ने करदाताओं और कर पेशेवरों द्वारा समय पर सारी प्रकियाएं पूरी करने के लिए सराहना की है। इससे आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने में वृद्धि देखी गई है जिसके परिणामस्वरूप आईटीआर दाखिल करने का एक नया रिकॉर्ड बना है। 31 जुलाई, 2023 तक दाखिल असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए कुल आईटीआर की संख्या 6.77 करोड़ से अधिक है, जो कि 31 जुलाई 2022 तक दाखिल असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए कुल आईटीआर (5.83 करोड़) से 16.1% अधिक है।
आईटीआर की फाइलिंग 31 जुलाई 2023 (वेतनभोगी करदाताओं और अन्य गैर-कर ऑडिट मामलों के लिए नियत तारीख) को सबसे ज्यादा हुई और एक ही दिन यानी 31 जुलाई 2023 को 64.33 लाख से अधिक आईटीआर दाखिल किए गए। ई-फाइलिंग पोर्टल पर यह भी देखा गया कि 31 जुलाई 2023 को शाम 5 बजे से शाम 6 बजे के बीच आईटीआर दाखिल करने की प्रति घंटे की उच्चतम दर 4,96,559 थी। साथ ही आईटीआर दाखिल करने की प्रति सेकंड दर 486 (31-जुलाई-2023: 16:35:06) थी और आईटीआर दाखिल करने की प्रति मिनट उच्चतम दर 8,622 (31-जुलाई-2023: 17:54) दर्ज हुई। जिन लोगों ने पहली बार आईटीआर दाखिल किया उनकी संख्या 31 जुलाई, 2023 तक 53.67 लाख रही जिससे करदाताओं में होते विस्तार का सही अंदाजा लगाया जा सकता है।
असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए दाखिल किए गए 6.77 करोड़ आईटीआर में से 49.18% आईटीआर-1 (3.33 करोड़), 11.97% आईटीआर-2 (81.12 लाख), 11.13% आईटीआर-3 (75.40 लाख), 26.77% आईटीआर-4 (1.81 करोड़), और 0.94% आईटीआर-5 से 7 (6.40 लाख) हैं। इनमें से 46% से अधिक आईटीआर ई-फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध ऑनलाइन आईटीआर सुविधा का उपयोग करके दाखिल किए गए हैं और शेष ऑफ़लाइन आईटीआर सुविधा का उपयोग करके दाखिल किए गए हैं।
पीक फाइलिंग अवधि के दौरान, ई-फाइलिंग पोर्टल ने आईटीआर दाखिल करने के लिए करदाताओं को एक सहज अनुभव प्रदान करते हुए भारी ट्रैफिक को सफलतापूर्वक संभाला। 1 जुलाई, 2023 से 31 जुलाई, 2023 की अवधि के दौरान ई-फाइलिंग पोर्टल पर 32 करोड़ से अधिक सफल लॉगिन हुए। 31 जुलाई, 2023 को ही सफल लॉगिन की संख्या 2.74 करोड़ थी।
यह जानकर खुशी हुई कि बड़ी संख्या में करदाताओं ने अपने वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) और करदाता सूचना सारांश (टीआईएस) को देखकर अपने वित्तीय लेनदेन के डेटा की तुलना करके अपना उचित परिश्रम किया। आईटीआर-1,2,3 और 4 के लिए डेटा का एक बड़ा हिस्सा पहले से ही वेतन, ब्याज, लाभांश, व्यक्तिगत जानकारी, टीडीएस से संबंधित जानकारी सहित कर भुगतान, ब्रॉट फॉरवर्ड लॉसेज, एमएटी क्रेडिट आदि से संबंधित डेटा से भरा हुआ था ताकि करदाताओं के लिए अनुपालन को और आसान बनाया जा सके। करदाताओं ने इस सुविधा का बड़े पैमाने पर उपयोग किया, जिसके परिणामस्वरूप आईटीआर आसानी से और तेजी से दाखिल हुआ।
विभाग के लिए आईटीआर की प्रोसेसिंग शुरू करने और रिफंड, यदि कोई हो, जारी करने के लिए आधार ओटीपी और अन्य तरीकों के माध्यम से ई-सत्यापन की प्रक्रिया महत्वपूर्ण है। यह जानना भी उत्साहवर्धक रहा कि 5.63 करोड़ रिटर्न ई-सत्यापित किए गए हैं, जिनमें से 5.27 करोड़ से अधिक आधार आधारित ओटीपी (94%) के माध्यम से हैं। ई-सत्यापित आईटीआर में से, असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए 3.44 करोड़ से अधिक आईटीआर 31 जुलाई, 2023 तक (61%) संसाधित किए जा चुके हैं।
इसके अलावा, ई-फाइलिंग पोर्टल पर एक नया ई-पे टैक्स भुगतान प्लेटफॉर्म टीआईएन 2.0 उपलब्ध कराया गया था, जो पहले के प्रोटेन (एनएसडीएल) आधारित ओएलटीएएस भुगतान प्रणाली की जगह ले रहा था। इसने करों के ई-भुगतान के लिए अधिक उपयोगकर्ता-अनुकूल विकल्पों के प्रावधान को सक्षम किया और इंटरनेट बैंकिंग, एनईएफटी/आरटीजीएस, ओटीसी, डेबिट कार्ड, भुगतान गेटवे और यूपीआई जैसे भुगतान के तरीकों के लिए अधिक संख्या में विकल्प उपलब्ध कराए। टीआईएन 2.0 प्लेटफॉर्म ने करदाताओं को वास्तविक समय पर कर जमा करने में सक्षम बनाया है जिससे आईटीआर दाखिल करना आसान और तेज हो गया है। जुलाई, 2023 के महीने में ही टीआईएन 2.0 भुगतान प्रणाली के माध्यम से 1.26 करोड़ से अधिक चालान प्राप्त हुए हैं, जबकि 1 अप्रैल, 2023 से टीआईएन 2.0 के माध्यम से दाखिल किए गए कुल चालान 3.56 करोड़ हैं।
ई-फाइलिंग हेल्पडेस्क टीम ने जुलाई, 2023 के महीने में करदाताओं के लगभग 5 लाख प्रश्नों के उत्तर दिए हैं और करदाताओं को पीक फाइलिंग अवधि के दौरान सक्रिय रूप से मदद पहुंचाई है। हेल्पडेस्क से करदाताओं को इनबाउंड कॉल, आउटबाउंड कॉल, लाइव चैट, वेबएक्स और सह-ब्राउजिंग सत्र के माध्यम से सहायता प्रदान की गई। हेल्पडेस्क टीम ने करदाताओं/हितधारकों तक सक्रिय रूप से पहुंचकर और रियल टाइम पर विभिन्न मुद्दों के लिए उनकी सहायता करके, ऑनलाइन प्रतिक्रिया प्रबंधन (ओआरएम) के माध्यम से विभाग के ट्विटर हैंडल पर प्राप्त प्रश्नों के समाधान का के रूप में भी सुविधा पहुंचाई है। विभाग समय पर अनुपालन में समर्थन के लिए आभारी है और सभी करदाताओं से अनुरोध करता है कि वे आईटीआर दाखिल करने के 30 दिनों के भीतर अपने आईटीआर को सत्यापित करें। विभाग उन करदाताओं से भी आग्रह करता है, जो किसी भी कारण से नियत तारीख से चूक गए हैं, वे तुरंत अपनी फाइलिंग पूरी कर लें।