प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के बाद से विद्युतीकृत किए गए देश भर के ग्रामों के नागरिकों के साथ आज वार्तालाप किया। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई इस बातचीत में प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना ‘सौभाग्य योजना’ के लाभार्थियों को शामिल किया गया। विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री द्वारा की गई वार्ता की यह 10वीं श्रृंखला है। प्रधानमंत्री ने हाल ही में विद्युतीकृत 18000 ग्रामों के ग्रामीणों से वार्तालाप के दौरान प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि ‘’जिन लोगों ने अंधेरा नहीं देखा है, वे रोशनी के अर्थ को नहीं समझ सकते हैं, जिन लोगों ने अंधेरे में अपनी जिंदगी नहीं बिताई उन्हें प्रकाश के मूल्य का एहसास नहीं है।”
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के 70 वर्षों के बाद भी इन 18000 गांवों का विद्युतीकरण नहीं किया गया था, जिन्हें एनडीए सरकार ने पिछले चार वर्षों में विद्युतीकृत कर दिया। पूर्वोत्तर क्षेत्र में मणिपुर के लीसांग गांव का 28 अप्रैल, 2018 को अंतिम गांव के तौर पर विद्युतीकरण किया गया। श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इन 18000 ग्रामों का विद्युतीकरण करना थोड़ा मुश्किल था, क्योंकि इनमें से अधिकांश गांव दूर-दराज के इलाकों, पहाड़ी क्षेत्रों और खराब संपर्क वाले क्षेत्रों में थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने पूर्वी भारत में स्थिति बदल दी है, इस क्षेत्र में 18,000 गांवों में से 14,582 गांव गैर-विद्युतीकृत थे जबकि पूर्वोत्तर क्षेत्र में 4,590 गांवों में बिजली नहीं थीं। उन्होंने कहा कि सरकार ने पूर्वी भारत के विकास और इसके पूर्ण विद्युतीकरण को प्राथमिकता दीं और अब भारत का पूर्वी क्षेत्र भारत की विकास यात्रा में भी एक बड़ी भूमिका निभा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना देश के हर घर में विद्युतीकरण के उद्देश्य से प्रारंभ की गई है और अब तक इस योजना के माध्यम से 86 लाख से अधिक परिवारों को विद्युतीकृत किया जा चुका है। योजना मिशन मोड पर है और यह चार करोड़ परिवारों के लिए बिजली कनेक्शन सुनिश्चित करेगी।