भारत के रक्षा मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि नियमित रखरखाव के दौरान एक मिसाइल तकनीकी खामी के कारण फायर हो गई, जो कि पाकिस्तान के इलाके में गिरी, हालांकि इस हादसे में कोई जनहानि नही हुई।
रक्षा मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि 9 मार्च 2022 को नियमित रखरखाव के दौरान, एक तकनीकी खराबी के कारण गलती से एक मिसाइल की फायरिंग हो गयी। भारत सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए एक उच्च स्तरीय कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया है।वहीं पता चला है कि मिसाइल पाकिस्तान के एक इलाके में गिरी थी। हालांकि यह घटना अत्यंत खेदजनक है, वहीं राहत की बात यह भी है कि हादसे में किसी को जान नहीं गंवानी पड़ी है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार माना जा रहा है कि ये ब्रह्मोस मिसाइल थी और हरियाणा के सिरसा एयर बेस से फायर की गई थी. सिरसा में भारतीय वायुसेना का एक अहम एयर बेस है। आईएसपीआर के डीजी के अनुसार पाकिस्तानी एयर-डिफेंस एजेंसी ने भारत की इस सुपरसोनिक मिसाइल का रूट तक ट्रैक किया था, जो सिरसा के करीब से राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज की तरफ से होती हुई दोनों देशों की सीमा पार कर बहावलपुर के करीब मियां चुन्नू इलाके में जाकर गिरी थी। आईएसपीआर की प्रेस कांफ्रेंस में पाकिस्तानी वायुसेना का एक एयर वाइस मार्शल रैंक के अधिकारी ने स्क्रीन पर भारत के प्रोजेक्टाइल का रूट भी दिखाया था। इस मिसाइल ने भारत की सीमा में करीब 200 किलोमीटर की दूरी तय की थी और फिर 124 किलोमीटर अंदर पाकिस्तान में जाकर गिरी थी। ये मिसाइल करीब 40 हजार फीट की ऊंचाई से नीचे आकर गिरी थी।