केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर भारत के पहले एल्युमिनियम फ्रेट रेक- 61 बीओबीआरएनएएलएचएसएम1 का उद्घाटन किया। इस रेक का गंतव्य बिलासपुर है। यह रेक ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के लिए एक समर्पित प्रयास है क्योंकि इसे आरडीएसओ, हिंडाल्को और बेस्को वैगन के सहयोग से स्वदेशी रूप से पूरी तरह से डिजाइन और विकसित किया गया है।
लौह उद्योग निकेल और कैडमियम की बहुत अधिक खपत करता है, जो आयात से आता है। इसलिए एल्युमीनियम वैगनों के प्रसार के परिणामस्वरूप कम आयात होगा। वहीं यह स्थानीय एल्युमीनियम उद्योग की दृष्टि से भी लाभकारी है।
एल्यूमिनियम रेक की विशेषताएं
- अधिसंरचना पर बिना वेल्डिंग के पूरी तरह से लॉकबोल्टेड निर्माण।
- इसका टेयर सामान्य स्टील रेक से 3.25 टन कम है और इसकी अतिरिक्त वहन क्षमता 180 टन की है जिसके परिणामस्वरूप प्रति वैगन प्रवाह- क्षमता (थ्रूपुट) अपेक्षाकृत ऊंची है।
- टेयर के अनुपात में उच्च पेलोड 2.85 है।
- टेयर कम होने से कार्बन उत्सर्जन कम होगा क्योंकि खाली दिशा में ईंधन की खपत कम होगी और लोडेड स्थिति में माल ढुलाई अधिक होगी। एक अकेला रेक अपने जीवनकाल में 14,500 टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड बचा सकता है।
- इस रेक का पुनर्विक्रय मूल्य 80 प्रतिशत है।
- इसकी लागत 35 प्रतिशत अधिक है क्योंकि अधिसंरचना पूरी तरह एल्यूमीनियम की है।
- उच्च संक्षारण और घर्षण प्रतिरोध के कारण कम रखरखाव लागत।