केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज शुक्रवार को लोकसभा में घोषणा की है कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में सुधार के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी, जो राजकोषीय बुद्धिमत्ता बनाये रखते हुए कर्मचारियों के हितों का ख्याल रखेगी। उन्होंने लोकसभा को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसी कई रिपोर्ट मिली हैं कि सरकारी कर्मचारियों के लिए नेशनल पेंशन स्कीम में सुधार की आवश्यकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त विधेयक 2023 पारित किए जाने के दौरान कहा कि एनपीएस को लेकर नई पद्धति बनाई जाएगी, जिसे केंद्र और राज्य सरकारें, दोनों अपना सकें। उन्होंने कहा कि मैं प्रस्ताव करती हूं कि पेंशन के मुद्दे पर विचार के लिए वित्त सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाए और एक ऐसा तरीका निकाला जाए, जिससे आम नागरिकों के संरक्षण के लिए राजकोषीय बुद्धिमत्ता बनाये रखते हुए कर्मचारियों की जरूरत पर ध्यान दिया जाए।
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि इस पद्धति को केंद्र सरकार और राज्य सरकारों, दोनों के अपनाने के लिए तैयार किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मौजूदा राष्ट्रीय पेंशन योजना 2003 में शुरू की गई थी और 1 जनवरी 2004 को लागू की गई थी। एनपीएस में बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता का दस प्रतिशत कर्मचारी के वेतन से अनिवार्य रूप से काटा जाता है और सरकार उतनी ही राशि पेंशन फंड में जोड़ती है। रिटायरमेंट के दौरान कर्मचारी को इस फंड का 60 प्रतिशत एकमुश्त दिया जाता है और बाकी बैलेंस 40 प्रतिशत अनिवार्य रूप से पेंशन के लिए एन्युटी के रूप में निवेश करना होता है।