नई दिल्ली (हि.स.)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की विशेष न्यायाधीश की अदालत ने गुरुवार को रेलवे को नुकसान पहुंचाने के आराेप में दो आरोपितों को सात-सात साल की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों पर 65-65 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। आरोपितों में डीएओ कार्यालय लखनऊ के सहायक लेखाकार अजय तिवारी और एक निजी व्यक्ति राजेश गुप्ता का नाम शामिल है।
आरोप है कि लेखाकार निजी व्यक्ति के साथ मिलकर फर्जी खरीद आदेश, बिल आदि के आधार पर रेलवे को 2,55,285 रुपये का नुकसान पहुंचाया है। जांच पूरी होने के बाद 11 अक्टूबर 1999 को सीबीआई द्वारा आरोप पत्र दायर किया गया था। 01 मई 2002 और 07 मार्च 2015 को आरोप तय किए गए।
सीबीआई के मुताबिक एक अन्य आरोपित के खिलाफ फाइल अलग कर दी गई थी क्योंकि उसके खिलाफ 07 मार्च 2015 को आरोप तय किए गए थे और उसके मामले में कई गवाहों की नए सिरे से जांच की जानी थी। दो अन्य के खिलाफ सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने आज दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए आदेश सुनाया।